फिर भी

यूपी में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार

Triangular contest in UP

यूपी विधानसभा के नतीजों पर अब सबकी नजर है, यूपी में सात दौर का मतदान खत्म हो चुका है यूपी के महाभारत का सबसे अहम दौर खत्म हो चुका है, यूपी के मतदाताओं ने अपना फैसला सुना दिया है, उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीनों में कैद हो चुकी है, अब सारे देश की निगाहें यूपी विधानसभा चुनावों के नतीजों पर हैं नतीजे किस करवट बैठेंगे, क्या यूपी की जनता सीएम अखिलेश यादव को मौका देगी, क्या यूपी में मायावती की होगी वापसी, क्य़ा बीजेपी का विकास का एजेंडा यूपी में जीत की चाबी बनेगा या फिर उत्तर प्रदेश में बनेगी त्रिशंकु सरकार, चुनावी मैदान में उतरे नेताओं की धड़कनें बढ़ चुकी हैं.

यूपी में सातवें चरण की वोटिंग राजनीति को पलटने का माद्दा रखती है, तभी तो चाहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हों या फिर अखिलेश और राहुल गांधी, सभी ने आखिरी चरण के चुनाव में पूरी ताकत झोंक दीं थी, बाबा विश्वनाथ के दर्शन से लेकर नेताओं के रोड शो ने बनारस की जनता को लुभाने की कोशिश की है, लेकिन ये लोगों को कितना भाया ये अब ईवीएम मशीन में कैद हो चुका है.

यूपी में इस बार सभी पार्टियां एक दूसरे पर हावी दिख रही हैं, राजनीतिक विश्लेषकों का एक वर्ग, जहां एसपी-कांग्रेस गठजोड़ को बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती के तौर पर देख रहा है, तो एक वर्ग का मानना है कि एसपी-कांग्रेस का साथ जनता को बहुत पसंद नहीं आ रहा कुछ राजनीतिक विश्लेषक बीएसपी को किंगमेकर के तौर पर देख रहे हैं, तो कुछ का अनुमान है कि कांटे की टक्कर और औसतन वोट से त्रिशंकु विधानसभा के आसार दिख रहे हैं.

देखा जाए तो इस बार बीजेपी को इस चुनाव से बहुत उम्मीद है क्योंकि बिहार में बीजेपी की हार के बाद बीजेपी किसी तरह के रिस्क के लिए तैयार नहीं है, मगर बीएमसी चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी को उम्मीद है की यूपी में सरकार उन्हीं की आएगी, अब इंतजार 11 मार्च का है

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