फिर भी

बड़ा सोचो और हारने से मत डरो

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि माना कभी कभी परिस्थिति हमारी ख्वाहिशों के विपरीत काम करती है लेकिन हमारी सोच तो हमारे हाथ में हैना हम क्यों न हर परिस्थिति में अच्छा सोच कर अपनी बड़ी मुसीबतो का भी ख़ुशी से सामना करे जिससे हमे हमारी परेशानी भी परेशानी न लगे और हम दूसरो के लिए एक उदाहरण बन जाये।

Think big

दोस्तों याद रखना अगर अच्छा पढ़ कर भी आप अच्छाई को अपने जीवन में न उतार पाये तो इसमें सिर्फ और सिर्फ हमारी गलती है लिखने वाले की नहीं क्योंकि दुनियाँ का सबसे मुश्किल काम है खुद पर नियंत्रण लगाना।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

बड़ा सोचो और हारने से मत डरो।
होनी को कोई नहीं टाल सकता।
इसलिए अपनी क्षमताओं पर, बस विश्वास तुम करो।
जो करा विश्वास खुदपर,तो मुसीबते भी,
थोड़ीसी परेशानी में ही टल जायेगी।
तेरे हर एक अच्छे कर्मो का कवज बन,
वो तुझको इस दुनियाँ के दुखो से बचायेगी।
इस छोटेसी बात की समझ, जिसको भी जल्द ही समझमे आयेगी।
उसकी अच्छी किस्मत ही उसे, जीवन के सारे सुखो की सैर करवायेगी।
कोशिश करो बस खुदको अच्छा और अच्छा बनाने की।
लिखने वालो की तो आदत में ही होता ,
इस दुनियाँ को बहुत कुछ आसानी से समझाने की।
फिर भी किसी की समझ में न आये.
तो इसमें लिखने वाले की तो गलती नहीं।
सब अपने-अपने मन से जीना चाहते है।
लगती है सबको, बस अपने मन की बात ही सही।

धन्यवाद।

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