फिर भी

एक वक्त था, जब शांतिप्रिय लोगों की बात सुनी जाती थी पर आज जिसकी लाठी उसकी भैस

गांव सिद्धमुख में 6 नवंबर से अपनी मांगों को लेकर 17 गावो के किसान धरने पर बैठे है। किसानों की आवाज अब तक शासन और प्रशासन के पास नही पहुची है। इसे किसानों की किस्मत कहो या फिर उनकी तकदीर।

आज पद्मश्री कृष्णा पूनिया इन किसानों के पास फिर से पहुची और किसानों को सम्बोदित करते हुए कहा कि, हम गाँधी जी फ़ोटो देखते है तो एक तस्वीर दिमाक में आती है कैसे शांति के पुजारी ने हमें आजादी दिला दी। धरने से कैसे विदेशी शासन उनके आगे झुका।

उस समय ऐसा क्या था की शांति प्रिय व्यक्ति की आवाज सुनी जाती थी, आज के समय देखो हमारे किसान कितने दिन से शांति से अपनी जायज़ मांगो को लेकर धरना दे रहे है। पर उनकी आवाज़ को सुनने वाला कोई नहीं है। किसानो से आकर बातचीत करने का समय नहीं है। हमारे प्रधान, विधायक, सांसद, SDM, कलेक्टर सभी के पास सरकार से दी हुई गाड़िया है जो की जनता के सेवक है, पर वो किसानो से आकर बात भी नहीं कर सकते है।

हर सरकारी ऑफिस में गांधी जी की तस्वीर मिलती है उनको देखते ही उनका दिया हुआ रामराज्य सिद्धान्त याद आ जाता है पर हम आज युग को देख रहे है जिसकी लाडी, उसकी भैस है। मोदी जी ने नारा दिया सबका साथ, सबका विकास, पर किसान तो विकास कैसे करेगा पानी के बिना। पानी देंगे तभी किसान का विकास होगा। उन्होंने किसानों से कहा कि उनकी बेटी उनके साथ है। सिद्धमुख नहर की उपेछा सरकार को आगामी विधानसभा में भारी पड़ेगी।

[स्रोत- विनोद रुलानिया]

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