फिर भी

असली परीक्षा, तुफानो में होती है।

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री इस दुनियाँ को अपने दुखो से लड़ने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि बहुत आसान है कोई सपना देखना लेकिन बहुत मुश्किल है हर पल में उस सपने को जीना अपना हौसला बांधे रखना क्योंकि जब हम अपनी सही लक्ष्य की ओर बढ़ते है तब बहुत से तूफानों का सामना करना पड़ता है। वही एक मात्र वक़्त होता है हमारे जीवन का जब हमे अपने हौसले अथवा अपने सपने के प्रति लगन की परीक्षा देनी होती है।

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बहुत कम लोग इस जीवन की परीक्षा में पास होते है और ये परीक्षा तो हर इंसान को देनी पड़ती है। जीवन की परीक्षा से कोई नहीं बच सकता। अच्छे वक़्त में अच्छा सोचना कोई बड़ी बात नहीं लेकिन बुरे वक़्त में भी अच्छा सोचना ये वीरों की निशानी है इतिहास गवाह है ऐसा कोई वीर नहीं जिसने अपने लक्ष्य को पूरा करने में चोट नहीं खाई। सुख-दुख सब के साथ में है ये सोचना भी गलत है कि कोई अमीर है तो वो खुश होगा क्योंकि सच्ची ख़ुशी तो तब मिलती है जब हम अपना सपना जी कर दिखाते है बिना किसी को नुकसान पहुँचाये। याद रहे दुख में कभी भी अपने उम्मीद के दिये को बुझने मत देना।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

कैसे समझे कोई किसी की पीड़ा,
जब समझे इस जीवन को एक क्रीड़ा।
जब तक सब कुछ अच्छा था.
तुम्हारा हौसला अपने लक्ष्य के प्रति सच्चा था।

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क्यों अब ज़रा सी तकलीफ से घबरा गये??
कैसे ये तुम्हारे गम, तुम्हारे लक्ष्य से टकरा गये?
हौसलों की असली परख तूफानों में होती है.
उन तेज़ हवाओं में भी जलती, उम्मीद की ज्योति है।

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जिसकी उम्मीद की ज्योति उन तेज़ हवाओं में बुझ जाती है,
इतिहास के पन्नो मे,ऐसे लोगो की कहानी नहीं जगमगाती है।
हौसलों की आंधी में, हर प्राणी की सोच बदल जाती है।

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जो अंत तक टिका रहता है अपने बल पे,
भरोसा रहता है उसे भी फिर अपने कल पे।
क्योंकि कल आज की ही मेहनत का परिणाम है।
सच्चे रास्ते पर चलने वाले, हर जीव को मेरा प्रणाम है।

धन्यवाद

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