फिर भी

अच्छाई की राह, भले ही कांटो से भरी है

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि अच्छाई की राह में कांटे भले ही होते है लेकिन सुकून का असली अनुभव कड़ी मेहनत कर ही मिलता है और अगर सफलता का रास्ता इतना आसान बन जायेगा फिर तो हर कोई उसमे खरा उतर जायेगा आजीवन मेहनत, सच्चाई व ईमानदारी के पथ पर चलना हर एक के बस की बात नहीं इस दुनियां में हर एक जीव अपनी मेहनत का ही खाता है और जो गलत रास्ते पर चलते है उनको अपने किये का फल यही मिल जाता है।

याद रखना दोस्तों वक़्त बड़ा ही बलवान होता है ये कभी अच्छे को बुरा और बुरे को अच्छा बना देता है इसलिए कभी किसी कमज़ोर की कमज़ोरी का फ़ायदा मत उठाना क्या पता भाग्य के गर्भ में क्या लिखा है??

अब आप इस कविता का आनंद ले।

अच्छाई की राह, भले ही कांटो से भरी है।
मगर उन कांटो को देख,
अच्छाई क्या कभी उनसे डरी है??
शायद इसलिए क्योंकि वो कांटे भी,
अच्छे को फूल से नज़र आते है।
उन कांटो को, जीवन के कांटे समझ,
अच्छे भी जीवन में मात खाते है।
किसी का बुरा ना कर,
यहाँ का हर एक कांटा भी, एक दिन फूल सा खिलजायेगा।
जिसने ना समझा, इस बात का गहरा सच,
वो जीवन भर पछतायेगा।
बुरे में भी अच्छाई का बीज पनपता है।
ठोकर खाकर ही इंसान जीवन में संभलता है।
कोई दबाये यहाँ अपनी इच्छाओं को,
तो कोई यहाँ जीवन भर मचलता है।

धन्यवाद

Exit mobile version