शिक्षा जीवन का मूल आधार होती हैं और इसी आधार नींव पर ही पुरे जीवन की ईमारत खड़ी होती हैं. जिसमे कारीगर का काम शिक्षक करते हैं जो एक अबोध बालक को अज्ञानरूपी अंधकार से निकलकर ज्ञानरूपी प्रकाश की ओर अग्रसर करता हैं. इसी प्रकार का नजारा उज्जैन( मध्यप्रदेश) के एक छोटे से ग्राम बांदका में देखने को मिला जहा विद्यार्थियों को उचित सामग्री देकर पढ़ने और नाम रोशन कारण के लिए प्रेरित किया गया.
इस मौके पर सभी जरूरतमंद विद्यार्थियों को प्राचार्य व शिक्षकों द्वारा उचित सामग्री भेंट की गई जिसमें की सभी ग्रामवासी शिक्षकों का विशेष योगदान रहा इस मौके पर समस्त ग्राम वासियों ने फिरभी स्थानीय मीडिया हाउस का हार्दिक व्यक्त किया जिन्होंने लोगों तक उनकी आवाज पहुंचाई.
[स्रोत- जीवन सिंह वाघेला]