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रेल हादसों से आहत होकर सुरेश प्रभु ने की इस्तीफे की पेशकश

उत्तर प्रदेश में लगातार हुए दो ट्रेन हादसों ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को काफी आहत किया है, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है। हालांकि उनके इस्तीफे को अभी स्वीकार नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी उनसे इंतजार करने को कहा है।Suresh Prabhu

सुरेश प्रभु ने हादसों की नैतिक जिम्मेदारी

9 अगस्त को उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर के खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी जिसमें 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस दुर्घटना में 24 लोग मारे गए थे तथा 150 से भी ज्यादा घायल हो गए थे।  इस हादसे में रेल कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई थी। रेलवे ने इस मामले में रेलवे के कई उच्च अधिकारियों पर कार्यवाही की थी।

मुजफ्फरनगर रेल हादसों के चार दिन बाद ही 23 अगस्त को उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में कैफियात एक्सप्रेस के 10 डिब्बे पटरी से उतर गए, इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं थी परंतु इस हादसे में 74 लोग घायल हो गए थे। यह ट्रेन आजमगढ़ से दिल्ली जा रही थी। 5 दिन के अंतराल में लगातार दो ट्रेन हादसों ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को काफी आहत किया है।

सुरेश प्रभु ने ट्वीट करके कहा कि 3 साल से भी कम वक्त के दौरान मैने रेल मंत्री रहते हुए खून पसीने से रेलवे को बेहतर करने की कोशिश की है। हाल में हुए हादसों से मैं काफी आहत हूं। इन हादसों में जिन यात्रियों की जानें गई है और जो यात्री घायल हुए हैं उनकी खबर से मैं काफी दुखी हूं। प्रधानमंत्री मोदी के न्यू इंडिया विजन के तहत पीएम को ऐसे रेलवे की आवश्यकता है जो सक्षम हो और आधुनिक भी।

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मैं इस दिशा में आपसे वादा कर सकता हूं कि हम उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जिसमें रेलवे आगे बढ़ रहा है। मैं इन हादसों की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात की परन्तु अभी उन्होंने मुझसे इंतजार करने के लिए कहा है।

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए के मित्तल ने दिया इस्तीफा

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए के मित्तल इससे पहले ही इन हादसों की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे चुके हैं। भारत में पिछले कुछ समय में कई रेल हादसे हुए हैं जो रेल व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर जाते हैं हालांकि खबरें यह है कि यह कि अभी एके मित्तल का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।

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