रोहिंग्या मुस्लिमों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक नया बयान दिया है सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस बयान में साफ-साफ यह कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा है और इसलिए उन्हें भारत में रहने की इजाजत नहीं दे सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उनको एक कहावत से जोड़ दिया है कि “भूखा पेट कुछ भी करवाता है” मतलब साफ-साफ यही हैं कि उनको आतंकवाद समूह से जुड़ने में ज्यादा देर नहीं लगेगी.
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या मुसलमानों को आतंकवाद संगठन से जोड़ते हुए यह बयान जारी किया हैं. new18 की माने तो सुप्रीम कोर्ट के इस बयान के साथ केंद्र ने यह स्पष्ट कर दिया है कि रोहिंग्या अप्रवासी हैं और वह उच्चतम न्यायालय में नहीं पहुंच सकते क्योंकि उनके पास संवैधानिक अधिकार नहीं है और उन्हें अवैध शरणार्थी ही माना जा रहा है
सुप्रीम कोर्ट से पहले ग्रहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने एक बयान में पहले ही कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान राष्ट्र सुरक्षा के लिए खतरा है और भारत कोई विरोधी नीति का पालन नहीं कर रहा है बस राष्ट्र की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला ले रहा है.
5 सितंबर 2017 को गृह राज्य मंत्री श्री किरन रिजिजू ने 5 सितंबर को कहा था कि रोहंगिया अवैध आप्रवासी है और उन्हें देश से हटाया जाना चाहिए और इसमें कोई बुराई नहीं है अगर राष्ट्र की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के फैसले लिए जा रहे हैं
पहले ही भारत में 40000 रोहिंग्या मुसलमान आकर बस गए हैं जिनमें से 16000 के पास वैध शरणार्थी दस्तावेज हैं सूत्रों से पता चलता है बांग्लादेश बांग्लादेश में तीन लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान हैं.अब ऐसे में इन रोहिंग्या मुसलमानों का कौन मददगार होगा? कौन इनको शरण देगा? कहां से यह अपने खाने-पीने का बंदोबस्त करेंगे यह देखने वाली बात है.