खाप पंचायतों पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना बेहद सख्त रुख अपनाते हुए एक बार फिर आदेश जारी करते हुए कहा अगर दो बालिग अपनी मर्जी से शादी करने का फैसला करते हैं तो उसमें एक खाप तो क्या कोई भी दखल नहीं दे सकता है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और याचिकाकर्ताओं से कुछ ऐसे उपाय मांगे हैं जिससे इन विवादित दंपत्तियों की सुरक्षा की जा सके और साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि उन्हें सुरक्षा देना पुलिस की जिम्मेदारी है.
खाप पंचायत पर बेहद नाराज दिखी सुप्रीम कोर्ट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस बार खाप पंचायतों पर बेहद नाराज दिखे. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि बालिग जोड़ों को प्रेम विवाह करने की पूर्ण अनुमति है इसे ना ही कोई खाप रोक सकती है ना ही कोई पंचायत. इतना ही नहीं कोर्ट ने यह भी कहा है कि प्रेम विवाह करने वालों के खिलाफ खाप के फरमान या फिर कोई अन्य फरमान पूरी तरह से गैरकानूनी है और केंद्र सरकार जल्द से जल्द खाप पंचायतों को बैन करें.
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चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने 16 जनवरी को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोई खाप, समाज या माता-पिता बालिगों को किसी के साथ प्रेम विवाह करने से रोक नहीं सकते. इस बेंच में जस्टिस मिश्रा के अलावा एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ शामिल थे.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों की सुरक्षा के संबंध में केंद्र सरकार और राज्य सरकार को भी फटकार लगाई है क्योंकि आए दिन प्रेम विवाह करने वाले जोड़ों पर हमले होते रहते हैं और इन हमलों को रोकने की नाकामी में केंद्र सरकार राज्य सरकार सहित पुलिस पर भी गाज पड़ी और इसी दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि अगर खाप पंचायतों को बैन करने के लिए केंद्र सरकार कोई कदम नहीं उठा सकता है तो इस मामले में कोर्ट कार्यवाही करेगी.