फिर भी

ईमानदारी की ताकत

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियां को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि आज कल के युग में बहुत मुश्किल होगया है ईमानदारी से अपना जीवन जीना माना सच के रास्ते में कठनाईयो का सामना करना पड़ता है लेकिन सच्चा सुकून भी केवल यही से ही मिलता है क्योंकि जो चीज़ कड़ी परिश्रम व मेहनत से मिले उसे पाने का मज़ा ही कुछ और है।

कवियत्री सोचती है तो क्या हुआ आज कल कवियों का जीवन थोड़ा मुश्किल है लेकिन एक ना एक दिन जब लोगो को उनकी कविताओं कि गहराई समझमे आने लगेगी फिर शायद सबकी आँखों से खुशियों की बारिश होगी और समझने वाला उन्हें समझ ही जायेगा लेकिन ये समझ जीवन में गहरे धक्के खाने के बाद ही आती है।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

ईमानदारी की ताकत,
हर बेईमानी से ज़्यादा है।
इसे पकड़े रहने का,
करा मैंने खुदसे ये इरादा है।
तो क्या हुआ,
ये राह कठनाइयों से भरी है।
मगर इस कवियत्री की जज़्बातो की रंगोली,
तो अभी भी हरी है।
वक़्त रहते इसका रंग और गहरा होता जायेगा।
मुझे समझने वाला,
मुझसे दूर रहकर भी मुझे समझ जायेगा।
भीगेंगी अखियाँ लोगो की,
मेरी इन कविताओं की गहराईयो को पढ़के,
ज़रा सोचो क्या मिल पाया तुम्हे सुकून,
जीवन में इतनी आगे भी बढ़ के।

धन्यवाद

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