दक्षिण अफ्रीका की टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई। करो या मरो वाले मुकाबले में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 72 गेंद शेष रहते 8 विकेट से हराकर एकतरफा जीत का स्वाद चखा। वहीं दक्षिण अफ्रीका बड़े मैच का दबाव नहीं झेल पाई और टूर्नामेंट से बाहर हो गई। दक्षिण अफ्रीका इस टूर्नामेंट की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी। लेकिन एक बार फिर यह टीम चोकर्स साबित हुई। दोस्तों, खेल में चोकर्स का तात्पर्य एक ऐसे खिलाड़ी या टीम से होता है जो किसी मैच या प्रतियोगिता की प्रबल दावेदार मानी जाती है, लेकिन निर्णायक मौके पर दबाव या तनाव के कारण ढेर हो जाती है और जीत नहीं पाती। दक्षिण अफ्रीका के साथ भी यही दुर्भाग्य जुड़ा है। आई.सी.सी. के सबसे बड़े टूर्नामेंट विश्वकप में 4 बार, चैंपियंस ट्रॉफी में 4 बार और टी-20 विश्वकप में 2 बार दक्षिण अफ्रीका की टीम सेमीफाइनल तक पहुँच कर बेहद निर्णायक मैच में टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
वर्ष 1992 के वर्ल्ड कप में पहली बार आईसीसी के किसी बड़े टूर्नामेंट में प्रतिभागिता करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन उसे सेमीफाइनल में दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से वर्षा बाधित मैच में इंग्लैंड के हाथों 20 रनों से हारना पड़ा। वर्ष 1999 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत के लिए 1 ओवर में 9 रन चाहिए थे, लांस क्लूसनर ने पहली दोनों गेंदों पर चौके जड़ दिए, अब जीत के लिए महज 1 रन की दरकार थी, लेकिन ओवर की चौथी गेंद पर रन आउट होने के कारण, दक्षिण अफ्रीका को यह मैच भी गंवाना पड़ा। 2007 में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को सेमीफाइनल में बाहर का रास्ता दिखाया। 2015 विश्वकप के सेमीफाइनल में बेहद रोमांचक मैच में न्यूजीलैंड के हाथों दक्षिण अफ्रीका को हारना पड़ा। 43 ओवर में 298 रनों का पीछा करने उतरी न्यूजीलैंड की टीम को जीत के लिए आखिरी 2 गेंदों में 6 रन चाहिए थे। ग्रांट एलिएट ने छक्का जड़कर न्यूजीलैंड को फाइनल में पहुंचा दिया।
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टी-20 वर्ल्ड कप में भी दो बार वर्ष 2009 और 2014 में दक्षिण अफ्रीका क्रमशः पाकिस्तान और भारत के हाथों हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई। सेमीफाइनल में बाहर होने का सिलसिला इसी प्रकार चैंपियंस ट्रॉफी में भी जारी रहा| वर्ष 2000 और 2002 में भारत के हाथों क्रमशः 95 और 10 रनों से दक्षिण अफ्रीका को यह दोनों मैच गंवाना पड़ा। 2006 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका को 6 विकेट से हार हाथ लगी और 2013 में इंग्लैंड के हाथों 7 विकेट से हारकर उसे टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा। इसके अतिरिक्त जब कभी भी बड़े टूर्नामेंट में बने रहने के लिए करो या मरो का मुकाबला हुआ तो इस टीम ने घुटने टेक दिए। इसी क्रम में चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भी एक नॉकआउट जैसे मुकाबले में भारत से हारकर दक्षिण अफ्रीका को घर लौटना पड़ा।