फिर भी

शोकांकुल और तणाव में खेतीकरी धर्मा पाटील पर धुळे जिले के विखरण में हुआ अंतिम संस्कार

84 साल के धर्मा पाटिल ज़मीन की उचित कीमत नहीं मिलने से नाराज होकर धर्मा पाटिल ने 22 जनवरी को मंत्रालय में जहर पी लिया था । उनको मुम्बई में सर जे.जे अस्पताल में भर्ती किया था । उनका तीन बार डायलीसीस किया लेकिन 28 को अस्पताल में उनकी मौत हो गई. मौत की खबर सुनते हिं विखरण गांव में लोगों ने चूल्हा बंद किया ।

मौत के बाद उनका पार्थिव शरीर उनके धुळे जिले के विखरण गांव में करीब 11:45 पहुंच गया। उनका पार्थिव शरीर उनके गांव में पहुंचने के बाद गांव के लोगों ने जोर जोर से घोषणा बाजी की “धर्माबाबा अमर रहे जय जवान जय किसान” पार्थिव शरीर को देखकर उनके घर वाले जोर जोर से रोने लगे । उनके असू किसको देखी नहीं जाती थी । लेकिन इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता था।

गांव में सब जगह जोर जोर से “धर्माबाबा अमर रहे” की घोषणा देते थे। उनकी 5 एकड़ जमीन थी, जिसकी सरकारी कीमत लगाकर सिर्फ 4 लाख दी गई थी. जबकि उनकी बाजू की जमीन की कीमत करोड़ो में लगाई गई थी. उसी की वजह से नाराज होकर और अपने साथ नाई सफी के खिलाफ और अपनी जमीन की सही कीमत देने की मांग को लेकर उन्होंने जहर पी लिया ।

गांव में सब जगह पुलिस का बडे पैमाने पर बंदोबस्त था । 1 पुलिस अधिक्षक, 2 पुलिस निरीक्षक, 3 सहाय्यक पुलिस निरीक्षक, 12 उपनिरीक्षक, आणि 120 पुलिस को गांव में तैनात किये थे । धर्मा पाटील के पार्थिव को अग्नी महेंद्र और नरेंद्र ने दिया । अंतिम संस्कार के बाद नरेंद्र ने कहा मेरे पिताजी के ऊपर राजकारण करने के बजाय पुरे खेतकरी को न्याय मिलना चाहिए । इस समय सरकार ने कहा की 30 दिन के भीतर चौकशी करके उचित कीमत देनी बात कही ।

सभी गांव वाले रस्तो पर उतर गये थे। इस समय पुलिस ने 27 लोगों को आरेस्ट किया । उस समय पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा धर्मा पाटील का लढा हम लोग ऐसी ही जाने नहीं देंगे । उनके परिवार को हम लोग न्याय देंगे इस प्रकरण में जो दलाल होंगे हम लोग उसे छोडगे नहीं ।

उनके अत्यंसंस्कार में सभी गांव के लोग शिंदखेडा के आमदार एवम महाराष्ट्र राज्य के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल, कांग्रेस के माजी मंत्री हेमंत देशमुख, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शाम सनेर, शिवसेना के जिला प्रमुख हेमंत साळुंके, माजी आमदार शरद पाटील, आदि लोग उपस्थित थे।

[स्रोत- बाळू राऊत]

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