शिवहर: अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक संघ की जिला इकाई की एक आवश्यक बैठक संघ के जिलाध्यक्ष शुभ नारायण उपाध्याय की अध्यक्षता में रानी पोखर शिव मंदिर परिसर में हुई।
जिसमें संघ के संयोजक सह महामंत्री रामलगन राय, कार्यकारिणी के सदस्यों किशुनदेव यादव, राघवेंद्र कुमार सिंह, प्रभात कुमार मिश्र, हंस लाल राम,अरविंद कुमार सिंह, सरिता देवी, सीमा देवी, उमेश पासवान सहित दर्जनों लोगों ने बैठक में हिस्सा लिया और अपनी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा कि जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा तब तक हमलोग चुप बैठने वाले नहीं हैं साथ ही पटना हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अब हमारी लड़ाई उस दौर में प्रवेश कर गया है जहा से जीत मिलनी तय हैं।
गौरतलब है कि 1980 में तत्कालीन केंद्र सरकार के द्वारा 6 से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से एक अति-महत्वपूर्ण महात्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ किया एवं योजना के सफल क्रियान्वयन की जिम्मेवारी अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों को दिया गया उस दौरान बिहार में भी बड़ी संख्या में अनौपचारिक शिक्षा केंद्र खोले गए एवं अनुदेशक शिक्षकों का सहयोग लिया गया लेकिन कुछ वर्षों के बाद सरकार द्वारा इस योजना को बंद कर दिया गया।
इस दौरान सरकार द्वारा योजना के क्रियान्वयन में शामिल सुपरवाइजरों को राहत देते हुए उनका समायोजन कर दिया गया। लेकिन योजना के सफल क्रियान्वयन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले अनुदेशकों के समायोजन से इंकार कर दिया। सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध अनुदेशक शिक्षकों ने न्यायालय में याचिका दायर की। हाल ही में अनुदेशकों के समायोजन के मामले में पटना हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने राज्य सरकार को आठ सप्ताह के भीतर यह बताने का निर्देश दिया कि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आलोक में अभी तक सरकार द्वारा क्या-क्या कदम उठाया गया हैं?
[स्रोत- संजय कुमार]