प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को वक़्त रहते संभलने की प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि जब तक जीवन में कुछ बड़ा हासिल न करलो तब तक अपने सपनो का बखान नहीं करना चाहिये। हमारी ख्वाहिश हम दूसरे के द्वारा पूरी करना चाहते है। दूसरों से मदद लेने में कोई बुराई नहीं लेकिन इसका मतलब ये नहीं आप खुद कुछ भी न करे। अपनी क्षमताओं को जगाने में वक़्त भले ही लगेगा, लेकिन याद रखना अनुभव एक ऐसी चीज़ है जिसे कोई आपसे छीन नहीं सकता।
लोग बेईमानी करके पैसे, बिज़नेस तो छीन सकते है लेकिन अनुभव कोई नहीं छीन सकता. अनुभवी व्यक्ति अगर चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता। बेईमानी के रास्ते में लोग अक्सर ये भूल जाते है कि हम सब यहाँ बस कुछ ही पल के मेहमान है इसलिए अपनी क्षमताओं को जगाओ और दूसरों के जीवन में भी उम्मीद के दीये जलाओ।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
आँखे खोल कर देखो,
सपना तो हर कोई देखता है।
अपने घमंड की आड़ में, हर कोई बड़ी-बड़ी फेकता है।
जिस दिन कुछ बड़ा पालो, फिर बताना।
खाली बैठ यूही, बस सपने न सजाना।
[ये भी पढ़ें : अच्छा कभी बुरा तो बुरा कभी अच्छा बन जाता है]
आँखे खोल कर देखो,
उम्मीद तो, हर किसी ने,किसी दूसरे से लगाई है।
अपने लक्ष्य के खातिर, अपनी क्षमताये जिसने भी जगाई है।
ऐसे व्यक्ति की कथा तीनों लोकों में छाई है।
[ये भी पढ़ें : पक्षियों का हौसला]
आँखे खोल कर देखो,
किसी पर भी भरोसा करने में, वक़्त तो लगता है।
मेहनत की अग्नि में खुदको तपाने में,
वक़्त भले ही लगता है।
किसी अनुभवी इंसान को ,इसी जन्म में,
क्या कोई नव जात शिशु की तरह बेखबर बना सकता है ??
किसी का अनुभव कोई किसी से चुरा नहीं सकता है।
अपने ही दुखो का पोटला, न जाने क्यों सबको भारी लगता है??
[ये भी पढ़ें : ज़िन्दगी में सुकून कैसे मिलता है]
आँखे खोल कर देखो,
यहाँ इस दुनियाँ में, हम सब को कुछ पल बिताने है।
अपनी क्षमताओं से, न जाने कितने उम्मीद के दिये जलाने है।
हर दूसरा इंसान तो हमे यहाँ कुछ न कुछ सिखाता है।
बिना बोले ही,सही राह की दिशा, अपने उत्तम व्यवहार से दिखाता है।
अपनों को कर विदा, हर दूसरा यहाँ से एक दिन चला जाता है।
धन्यवाद



















































