सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के विरोध में भारत बंद की आड़ में जिस प्रकार उग्र आंदोलन किया गया है वह वाकई निंदनीय रहा है ऐसी गुंडागर्दी ऐसी अराजकता शायद पहले कभी देखी गई हो. आंदोलन में उतरे दलित समाज ने कानून की इस प्रकार धज्जियां उड़ाई हैं कि हर कोई शायद ही 2 अप्रैल का दिन भूल पायेगा क्योंकि इन्हीं सब के बीच बिजनौर में एक बेटे के कंधे पर पिता ने दम तोड़ दिया तो बिहार में एक मां की गोद में बेकसूर नवजात ने दम तोड़ दिया.
बिजनौर में बेटे के कंधे पर पिता ने तोड़ा दम
भारत बंद के दौरान उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 68 वर्षीय बुजुर्ग की मौत उस समय होगी जब उसे अस्पताल जाने के लिए आंदोलनकारियों ने रास्ता नहीं दिया एंबुलेंस पर जाने के कारण बेटे ने अपने बुजुर्ग पिता को बचाने की पूरी कोशिश की मगर उसका पूरा समर्पण भी उसके पिता की जान नहीं बचा सका. युवक अपने युवक अपने 68 वर्षीय बीमार पिता को कंधे पर लादकर करीब 1 किलोमीटर तक पैदल चला मगर जब तक वह अस्पताल पहुंचा उसका पिता दम तोड़ चुका था.
बिहार के हाजीपुर में मां की गोद में थोड़ा नवजात ने दम
आंदोलन का असर भारत के हर राज्य में देखा गया जहां बिहार में एक आंखें नम कर देने वाली घटना सामने आई है आंदोलन के दौरान बिहार के हाजीपुर में दलित प्रदर्शन के बीच सड़क पर एंबुलेंस जाने से रास्ते में ही एक नवजात बेटे ने मां की गोद में दम तोड़ दिया मां रास्ता खाली कराने के लिए गुहार लगाती रही लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं हटे और बच्चे की सड़क पर ही मौत हो गई.