घाटकोपर के पारशीवाडी में साई सिद्धि मंडळ की और से साई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन किया है । ये उत्सव 5 फरवरी से 8 फरवरी तक चलेगा । आज बड़े धूमधाम से साई की मूर्ति की भव्य रेली निकाली गयी । उस में डोल पथक, गुरुमाऊली नाशिक डोल पथक, बँड बाजा, महाराष्ट्र का सांस्कृतिक लेझिम पथक भी था ।
उसके साथ में डीजे पे नाचने वाले युवाओ का जोश देखने को मिला. चारों और साई का गजर देखने को मिला “साई बाबा की जय” और साई के मधुर गाने सुनने को मिले और हर लोग साई के भजन में लीन होकार नाचते रहे । इस भव्य दिव्य रेली में हर समाज के लोग आये थे। कई सारे सामाजिक, कला, क्रीडा, सांस्क्रुतिक, की जोड नजर आयी । और सब राजनीतिक पार्टी के लोग इस रैली में शामिल होकार कार्यक्रम को भव्य बनाया ।
कार्यक्रम कुछ इस प्रकार है।
सोमवार दि.05 फरवरी 2018
सुबह 8:30 बजे शांतीपाठ, प्रधानसंकल्प, श्री गणेश पूजन, नांदीश्राध्द मंडप प्रवेश, दोपहर 3 बजे अग्नीस्थापना, जलयात्रा, ग्रहहोम, जलधीवास, सायंपूजन, मंगल आरती.
मंगलवार दि.06 फरवरी 2018
सुबह 8:30 बजे स्थापित देवतां के प्रात: पूजन, मूर्तिओ को स्नान, सहर्षधाराभीशक, दोपहर 4 बजे प्रधान हवन, शंतिक पुष्तिक होम, ध्यानधीवास, सायंपूजन, मंगल आरती.
बुधवार दि.07 फरवरी 2018
सुबह 8:00 बजे स्थापित स्थापित देवतां के प्रात: पूजन, उत्तराग हवन, सुबह 11:00 बजे श्री साई मूर्तिची प्राण प्रतिष्ठा, कलाशावरोहण, ध्वजारोहण, पूर्णाहुती होम, श्री साईबाबाजी माध्यान, आरती शाम 6 बजे धूप आरती, शाम 7 बजे स्वरनाद प्रस्तुत साई भजन रात 10 बजे शेजआरती
गुरुवार दि.08 फरवरी 2018
सवेरे 5 बजे मंदिर खूलेगा, भूपाळी, सवेरे 5:15 काकड आरती, सुबह 6 बजे साईबाबा अभिषेक, सुबह 6:45 शिर्डी माझे पंढरपूर आरती, दोपहर 12 बजे मध्यान्ह आरती, शाम 6 बजे धूपआरती, शाम 7 बजे से साई महाप्रसाद का आयोजन किया है । इसे बीच आये हुये प्रमुख अतिथि का स्वागत समारंभ होगा । और रात में शेज आरती होगी ।
हर साल साई सिद्धी मित्र मंडळ की और साई भंडारा का आयोजन किया जाता है । ये मंडळ का 27 साल चल रहा है ये साल मंडळ के लिये खाफी महत्वपूर्ण है । इस साल मंडळ की और से भव्य साईबाबा का बढा मंदिर बनाया है । इस मंदिर का निर्माण का काम चल रहा था तभी सभी कार्यकर्ताओं ने रेती, सीमेंट, लोखंड सलीया, को आपने खंदे पे लेकर ये काम पूरा किया है । इस मंडळ के अध्यक्ष अशोक काळे जी उनको हमेशा मार्गदर्शन करते है । और इसी वजह से उनका काम चुटकीभर में हो जाता है ।
[स्रोत- बाळू राऊत]