रियल मैड्रिड एक ऐसा क्लब है जो अपने खिलाड़ियों से बेहतरीन प्रदर्शन चाहता है. अगर खिलाड़ी अपने देश की तरफ से अच्छा खेलता है तो वह सेंट बर्नबऊ में अपने करियर को नई उंचाइयों में पहुंचा सकता है. खिलाड़ियों को अपार पैसा तो मिलता ही है, साथ ही उनपर उम्मीदों का भारी बोझ होता है. लेकिन अक्सर ऐसा देखने को नहीं मिलता. जब बेहतरीन अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ करार किया जाता है तो वो क्लब की तरफ से उतना प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर पाते. और उनका प्रदर्शन देश के मुकाबले क्लब की तरफ से खेलते हुए फीका ही रहता है. आइए हम आपको बताते हैं ऐसे ही पांच बड़े खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने देश के लिए तो अच्छा किया लेकिन वह लियल मैड्रिड के साथ अपने नाम के अनुरूप खेल नहीं दिखा पाया. इनमें वो भी शामिल है जो अभी भी दोनों के बीच बराबर तालमेल बैठाने की कोशिश कर रहा है.
फर्नांडो गागो (अर्जेंटीना): फर्नांडो गागो ने 2006/07 में रियल मैड्रिड का दामन थामा था. शुरुआत में तो वह काफी प्रभावशाली दिखे. उन्हें हर कोई प्रतिभावान खिलाड़ी भी मानने लगा. उन्होंने क्लब को ला लीगा का खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई. लेकिन ऐसा ज्यादा दिनों तक नहीं चल सका. इसके बाद वह लगातार नजरअंदाज किए जाने लगे. 2007/08 में बेहतरीन सत्र के बाद भी उन्हें राष्ट्रीय टीम के साथ ज्यादा रहना पड़ा. राष्ट्रीय टीम में गागो को 50 से ज्यादा मैच खेलने का मौका मिला है. और इस दौरान उन्होंने साल 2008 ओलंपिक में टीम को गोल्ड मेडल भी दिलाया था. इसके बाद उन्होंने 2011 के कोपा अमेरिका कप में भी टीम की तरफ से अच्छा खेला और साल 2014 में फुटबॉल विश्व कप में भी वह टीम का हिस्सा था. गागो कभी भी रियल की तरफ से उस प्रदर्शन को नहीं दोहरा पाए जो वह देश के लिए करते थे.
वेस्ले स्नाइजर (नीदरलैंड): वेस्ले स्नाइजर भी उन्हीं खिलाड़ियों में सुमार होते हैं जिनकी शुरुआत रियल मैड्रिड के साथ काफी बेहतरीन हुई थी. हालांकि वह अभी दुनिया के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में गिने जाते हैं और वह हर्नबऊ की तरफ से शानदार कर भी रहे हैं. इस खिलाड़ी ने रियल के साथ सिर्फ दो सत्र ही बिताए. लेकिन इसके बाद भी वह नीदरलैंड टीम के प्रमुख खिलाड़ी हैं. यूरो 2008 में स्नाइजर मैड्रिड की तरफ से खेलते थे. इस मिडफील्डर को टूर्नामेंट का सबसे बेहतरीन खिलाड़ी के सम्मान से सम्मानित किया गया था. साथ ही रियल को छोड़ने के कुछ समय बाद ही इस खिलाड़ी ने साल 2010 में अपनी टीम को विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया था. भले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया हो, लेकिन मैड्रिड की तरफ से वह कभी अपने रंग में नहीं दिखे.
समी खेदीरा (जर्मनी): समी खेदीरा ने रियल मैड्रिड की तरफ से शुरुआती 3 सालों में बेहतरीन खेल दिखाया. लेकिन इसके अगले दो सालों में वह उस कारनामे को दोहरा नहीं सके. पहले वह लगातार चोटिल रहने लगे और उसके बाद उनकी बदली अन्य खिलाड़ियों को मौका दिया जाने लगा. 2011/12 में उन्होंने ला लीगा जीतने में टीम की ओर से मुख्य भूमिका निभाई थी. इसके बाद क्लब ने यूरोप में और क्लबों के विश्व कप में और सफलता हासिल की. लेकिन घुटने की चोट ने खेदीरा के करियर को ढलान की ओर ला दिया. हालांकि खेदीरा को इसके बाद भी राष्ट्रीय टीम में चुना गया और उन्हें 2010 विश्व कप खेलने का भी मौका मिला. चार साल बाद उन्होंने फिर से टीम में वापसी की. लेकिन इस बार क्लब ने उन्हें मुट्ठी भर मैचों में ही उतारा. खेदीरा ने साल 2014 में जर्मनी को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. अब तक खेदीरा ने राष्ट्रीय टीम की तरफ से 70 मैच खेले हैं. वहीं मैड्रिड की तरफ से अपने आकिरी दो सत्रों में उन्हें सिर्उ 15 ला लीगा के मैचों में शुरुआत करने का मौका मिला है.
काका (ब्राजील): जब विश्वस्तरीय खिलाड़ी आपके पास होता है तो आपको उससे बेहतरीन खेल की उम्मीद होती है. काका ने साल 2009 में एसी मिलान को छोड़कर रियल का दामन थामा था. साथ ही इसके लिए उन्हें 70 मिलियन पाउंड की भारी भरकम राशि मिली थी. लेकिन इसके बाद भी रियल के प्रशंसकों को उनका सर्वोच्च खेल देखने को नहीं मिला, जैसा वो अपने देश की तरफ से खेलते हुए करते थे. दूसरे और चौथे सत्र में चोटों ने काका को घेर लिया, इसके बावजूद उन्होंने अपने खेल का स्तर उठाया और कई गोल किए. लेकिन इसके बाद भी वह अपने नाम के अनुरूप खेल नहीं दिखा सके, साथ ही वह प्रशंसकों की उम्मीदों पर भी खरा नहीं उतर सके. लेकिन इसके बाद भी वह ब्राजील के लिए खेलते रहे. मैड्रिड के साथ जुड़ने से पहले और बाद उन्होंने अपनी राष्ट्रीय टीम की तरफ से बेहतरीन प्रदर्शन किया और साल 2006 में वह विश्व कप भी खेले. इसके अलावा साल 2009 के कॉन्फेड्रेशन कप में उन्हें टूर्नामेंट का सर्वोच्च खिलाड़ी करार दिया गया. इसके अलावा वो साल 2010 में एक बार फिर विश्व कप में खेले. लेकिन उन्होंने जितना अच्छा देश के लिए खेला वह उस प्रदर्शन को क्लब की तरफ से नहीं दोहरा पाए.
जेम्स रॉड्रिगेज (कोलंबिया): हमारी सूची में सबसे बेहतरीन खिलाड़ी जो कि इस समय रियल मैड्रिड के साथ है, लेकिन वह बेंच पर बैठी है. साल 2014 के विश्व कप में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के बाद क्लब ने अपने सा मिलाया. शुरुआत में तो इस खिलाड़ी ने शानदार खेल दिखाया और लगने लगा कि वह टीम का सुपरस्टार बन जाएगा. लेकिन ऐसा हो नहीं सका और चीजें बदलती चलीं गईं. राफेल बेंनिटेज्स के आने के बाद यह खिलाड़ी चोटिल होकर टीम से बाहर हो गया. और जीनेदिन जिदान इस खिलाड़ी के विक्लप तलाशने लगे. जेम्स ने इस सत्र में अपने क्लब के लिए कुछ ही मैचों में शुरुआत की है. लेकिन जब बात देश के लिए खेलने की आती है तो इसका अंदाज बदल जाता है. साल 2016 के कोपा अमेरिका में यह खिलाड़ी अकेला ही सब पर भारी पड़ा. और टीम ने क्वार्टरफाइनल तक का सफर तय किया. इसके अलावा ये खिलाड़ी 2018 विश्व कप के लिए अपने देश का सबसे मुख्य खिलाड़ी है. लेकिन इसके बावजूद इस खिलाड़ी का भविष्य रियल के साथ अधर में लटका हुआ है.