आधुनिकीकरण और डिजीटलाइजेशन की दुनिया मे साइबर हमलो का बार-बार होना सरकार के लिए एक चिंता का विषय है जिसे कोई भी नकार नही सकता. भारत सहित तमाम देशों के लिए आज साइबर हमला एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है. ऐसे मे सभी को इससे जुड़े हल को तलाशने के भी माध्यम ढूढने होंगे. उन्हे अपने-अपने स्तर पर इससे निपटने के लिए काफी प्रयास करने होंगे.
एक तरफ जब हम डिजिटल की दुनिया मे अपने पैर पसारने जा रहे है. ऐसे मे साइबर हमलो का लगातार होना एक बड़ी चिंता का विषय है. आज हम एक ऐसे मॉर्डन एरा मे अपना जीवन व्यतीत कर रहे है जिसमे सभी प्रकार का लेनदेन डिजिटल माध्यम द्रारा हो चला है. ऐसे मे सभी प्रकार की चीजो का रख-रखाव भी उतना ही जरूरी हो गया है सरकार के लिए. लेकिन लगातार साइबर हमले होना किसी एक भयानक रूप का संकेत तो दे रहा है जिसे सरकार भी समझ रही है.
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साइबर संसार की दुनिया मे एक नए वायरस (रैनसमवेयर) ने कदम रखा है. रैनसमवेयर आपके सिस्टम मे जाकर के आपके सिस्टम को लॉक कर देता हैं. मतलब यह कि यूजर तब तक अपने सिस्टम को अनलॉक नही कर सकता जब तक वायरस उसे अनलॉक करने के लिए कोई फिरौती नही मांग लेता.
साइबर हमलो की जांच करने वाली कंपनी क्विक हील टैक्नोलॉजी का कहना है कि भारत मे अब तक 48 हजार से भी ज्यादा साइबर अटैक हुए है. ये सभी हमले वायरस रैनसमवेयर द्रारा ही हुए है. वही दूसरी ओर, पूणे स्थित एक कंपनी का कहना है कि लगभग 60 फीसदी हमले उद्यमो पर ही लक्षित थे, जबकि 40 फीसदी व्यक्तिगत ग्राहको पर थे. साथ ही कंपनी का कहना है कि यह सभी हमले रैनमवेयर वायरस द्रारा ही किए गए थे.
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भारत मे लगातार हो रहे इतने बड़े पैमाने पर हमलो के लिए सरकार और आईटी कंपनियो को एक ठोस रणनीति तैयार करनी होगी. ऐसी रणनीति जो इन सभी हमलो की चेतावनी को पहले ही सूँघ ले और वायरस के कंप्यूटर पर आने से पहले ही उससे निपटने के उपाय को खोज लें. जगह-जगह पर हो रहे साइबर हमलों को हम किस नजर से देखे एक तरफ जब सभी प्रकार के लेनदेन को नकदी रहित या फिर केवल ऑनलाइन माध्यम द्रारा कर रहे है.
सभी प्रकार की वस्तुओं की खरीद को डिजिटल किया जा रहा है. ऐसे मे हो रहे साइबर हमले उनको हम किस नजर से देखे. साइबर हमलो की दुनिया मे यूँ सरकार द्वारा सभी वस्तुओं का डिजिटल करना कितना सही है. इसका जवाब सरकार को ही देना होगा.