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वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में भारत को गोल्ड दिलाने के करीब पहुंचीं पीवी सिंधु

भारत की बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ग्लासगो में खेले जा रहे वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने में कामयाब हो गई हैंं। सेमीफाइनल में जीतने के साथ ही सिन्धु भारत को गोल्ड मेडल दिलाने के बहुत गरीब पहुंच चुकी है। सेमीफाइनल में पीवी सिंधु का मुकाबला चीन की 19 वर्षीय खिलाड़ी चेन यू फेई  से हुआ था। इस मुकाबले में पीवी सिंधु ने इस चीनी खिलाड़ी को 21-13 , 21-10 से हराया था। अब तक पीवी सिंधु ने चीनी खिलाड़ियों से खेलते हुए हमेशा जीत दर्ज की है।
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सेमीफाइनल का यह मुकाबला 48 मिनट तक चला जिसमें चेन यू फेई, पी वी सिंधु के सामने कोई चुनौती पेश नहीं कर पाई और सिंधु दोनों ही सेट आसानी से जीत गईंं। पीवी सिंधु ने 2013 और 2014 में खेले गए वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था अब देखना यह है कि पी वी सिंधु अपनी जीत से भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में कामयाब हो पाती है या नहीं। फाइनल में पीवी सिंधु का मुकाबला जापान की नोजोमी ओकुहारा से होगा अगर पीवी सिंधु फाइनल जीती है तो यह किसी भी बैडमिंटन खिलाड़ी द्वारा फाइनल में दर्ज की गई पहली जीत होगी।  वर्ल्ड चैंपियनशिप का फाइनल मैच रविवार को खेला जाएगा।

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उधर जापान की ओकुहारा ने शनिवार को एक दूसरे सेमीफाइनल मैच में साइना नेहवाल को हराकर फाइनल में जगह बनाई। यह मुकाबला 3 गेम तक चला। तथा ओकुहारा ने साइना नेहवाल को 12-21, 21-17 और 21-10 से हरा दिया। ओकुहारा वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली जापानी खिलाड़ी हैं।

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सेमीफाइनल की हार के बाद साइना नेहवाल को ब्रॉन्ज मेडल से ही संतोष करना पड़ा। यह मेडल 2015 के बाद साइना नेहवाल के द्वारा जीता गया दूसरा मेंडल है। 2015 में साइना नेहवाल और स्पेन की कैरोलिना मारिन के बीच फाइनल मैच खेला गया था जिसमें साइना नेहवाल फाइनल में हार गई थी और भारत को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा था। तब वह इस टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी थींं।

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