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राजपथ पर शहीदों के लिए छलकी राष्ट्रपति की भावुकता

इस बात से तो भली-भांति परिचित हैं कि अचानक किसी के आंसू बहने लगे तो वह इंसान भावुक हो गया हैं और इंसान भावुक तभी होता हैं जब वह किसी बात से अंदर तक जुड़ जाता हैं. ऐसा ही एक नजारा आज राजपथ पर देखने को मिला जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा शहीद गरुड़ कमांडो जेपी निराला को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. RAmnath kovindआपकी जानकारी के बता दे कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उस समय भावुक हो गए जब शहीद कमांडों की मां और पत्नी को मंच पर आमंत्रित किया गया. जैसे ही एनाउंसर शहीद की मां और पत्नी को मंच पर आमंत्रित करने के दौरान निराला की साहसिक कारनामे को सुनाना शुरू किया वैसे ही देखा गया कि कोविंद भावुक हो गए और उनकी आंखें भर गईं.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जब शहीद की मां और पत्नी को सम्मानित क़र अपनी कुर्सी पर बैठे तो उनकी आँखों की अश्रुधारा बह पड़ी और फिर वो रुमाल निकलकर अपने आंसू पोछने लगे.

आजादी के बाद यह पहला मौका है कि जब किसी भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया हैं. गरुड़ कमांडो जेपी निराला 3 महीने पहले कश्मीर के हाजिन में विशेष ड्यूटी पर तैनात थे और उस समय ही आतंकियों से लड़ते हुए वो शहीद हो गए. इस दौरान उन्होंने कई आतंकियों को मार गिराया और श्रीनगर में हुए इसी ऑपरेशन के दौरान सेना की तरफ से की गई कर्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के भतीजा तल्हा रशीद भी मारा गया था.

शहीद निराला बिहार के रोहतास के रहने वाले थे और उन्होंने 2005 में वायु सेना को ज्वाइन किया था. भारत का यह वीर अपने माँ बाप की एकलौती औलाद था और शहीद निराला के परिवार में माँ-बाप के अलावा उनकी पत्नी सुषमा और एक 4 वर्षीय बेटी जिज्ञासा हैं.

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