स्वयंसेवकों और युवाओं की टीम के साथ, डीएपी कार्यशाला न. 2 (बेटियों कीमती है) के आयोजन के लिए 400+ प्रतिभागियों के साथ संसाधन व्यक्ति के प्रशिक्षण में भाग लिया। कार्यक्रम जो पहले नवंबर 2017 में आयोजित किया गया था और गिनीज रिकॉर्ड के लिए पंजीकृत है। अब हम अपने स्वयं के रिकॉर्ड को तोड़ने जा रहे हैं। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, स्वस्थ विभाग, महिला एवं बाल विभाग द्वारा एक कार्यक्रम है। सीकर में हमारी टीम इस मुद्दे पर मदद करेगी।
24 जनवरी को “राष्ट्रीय बालिका दिवस” के अवसर पर हम बेटी बचाओ, पीसीपीएनडीटी अधिनियम पर संगोष्ठियों को व्यवस्थित करने की योजना बना रहे हैं, और स्कूल और कॉलेज के युवाओं को युवाओं को बचाने के लिए विभिन्न गतिविधियों के लिए एक सक्रिय भागीदार बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जैसा कि मैंने जिले के लिए अपनी विशेष परियोजना के रूप में बेटी बचाव अभियान का चुनाव किया था।
प्रशिक्षण की अध्यक्षता डॉ. नवीन जैन (आईएएस) मिशन के निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राजस्थान ने की और अपने विचार भी सभी के सम्मुख रखे।
[स्रोत- धर्मी चंद]