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अब लड़को को भी अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ना होगा गृह विज्ञान

होम साइंस विषय अधिकतर लड़कियां पढ़ना पसंद करती हैं। होम साइंस में घर की साज सज्जा से लेकर बीमारी में किस तरह प्राथमिक उपचार किए जाते हैं सब की जानकारी दी जाती है। हालांकि होम साइंस (गृहविज्ञान) विषय लड़के भी स्वेच्छा से ले सकते हैं परंतु अधिकतर लड़के गृहविज्ञान विषय पढ़ना नहीं चाहते। गृह विज्ञान विषय लेने पर उन्हें शायद यही महसूस होता होगा कि यह लड़कियों का विषय है या घर से संबंधित बातें सीखकर वह क्या करेंगे।Home Science

विज्ञान विषय के रूप में गलत धारणा पालने वाले युवाओं को एक बात बता दूं कि गृह विज्ञान केवल घरेलू बातें सिखाने वाला विज्ञान नहीं है, यह एक संपूर्ण विज्ञान है, एक कला है, जिसके अंतर्गत पाकशास्त्र, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, मानव विज्ञान, प्राथमिक उपचार आदि का अध्ययन किया जाता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि लड़कियों का विषय समझने वाले लड़कों को भी अब गृहविज्ञान पढ़ना होगा।

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महिला विकास एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा एक प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा गया है, जिसमें गृह विज्ञान को लड़कों के लिए अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाये जाने का प्रस्ताव मोदी सरकार से किया गया है, हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं के लिए राष्ट्रीय महिला नीति 2017 के मसौदे को मंजूरी दी थी, इस मसौदे को केंद्रीय कैबिनेट के पास भेज कर कई सिफारिशें की गई है, जिसमें महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना, बच्चों की शुरुआती उम्र से ही लैंगिक परिभाषा को पुनर्भाषित करना शामिल है। मसौदा नीति प्रस्तावित करता है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के साथ साथ लड़के और लड़कियों दोनों के लिए गृह विज्ञान एवं शारीरिक शिक्षा अनिवार्य बनाएं तथा पाठ्यक्रम को पुनः तैयार किया जाए।

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इस प्रस्ताव में महिलाओं को समान वेतन दिये जाने की मांग भी की गई है तथा विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं को टैक्स में छूट की पेशकश की गई है, इसके अलावा उद्योग एवं वाणिज्य क्षेत्रों के साथ-साथ आवासीय परिसर में डे केयर सेंटर को अनिवार्य किए जाने का भी वर्णन इस प्रस्ताव में किया गया है।

राष्ट्रीय महिला नीति का संशोधन करीब 15 साल के बाद प्रस्तावित किया गया है, पिछली महिला राष्ट्रीय नीति वर्ष 2001 में आई थी। इस प्रस्ताव में गरीब परिवार की बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा देने के साथ सभी महिलाओं को स्वास्थ्य कार्ड देने का भी प्रस्ताव रखा गया है।

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