फिर भी

8 नवंबर, दिन तो याद ही होगा?

यह कोई फिल्म का डायलॉग नहीं है यह एक जीती-जागती हकीकत है जब 8 नवंबर 2016 को रात्रि 8:00 बजे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 500 और 1000 के नोटों को मात्र कागज के टुकड़े घोषित कर दिया था. उस एक फैसले के बाद पूरे देश में बवाल मच गया और लोग ATM की ओर भागने लगे मगर जब पहुंचे तो उनसे पहले लंबी-लंबी कतारें लग चुकी थी और यह कतारें महीनों तक लगी.Bharat Mudraआज उस फैसले को पूरा 1 साल हो गया है आज का दिन देश के बहुत से लोग ‘एंटी ब्लैक मनी डे‘ के रूप में मना रहे हैं तो वहीं बहुत से लोग इस दिन को ‘धोखा दिवस‘ के रुप में भी मना रहे हैं. सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 8 नवंबर मतलब नोटबंदी को लेकर आग लगी हुई है. जगह-जगह न्यूज़ वेबसाइट तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चैंपियन चलाए जा रहे हैं जिनमें पूछा जा रहा है कि आप नोटबंदी के फैसले से खुश हैं या नाराज.

कुछ लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैंक की लाइन में लगने के दौरान बेहोश होने वाले लोगों की तस्वीरों को यह बताकर शेयर कर रहे हैं कि बैंक में लाइन में लोगों की मौत हुई थी. तो कुछ लोग सोनम को याद कर रहे हैं जो बेवफा हो गई थी.

आप भी कमेंट के जरिए बताइए कि आप इस फैसले से खुश हैं या नाराज. बताइए आप इस दिन को ‘एंटी ब्लैक मनी डे’ के रूप में मना रहे हैं या फिर ‘धोखा दिवस’ के रूप में.

Exit mobile version