फिर भी

नमामि देवी नर्मदे- नर्मदा जयंती 2022

नमामि देवी नर्मदे– नर्मदा जयंती 2022

         हिंदू संस्कृति में जहां देवी देवताओं की भक्ति भाव से पूजा उपासना की जाती है। वहीं नदियों को भी बहुत अधिक महत्व दिया गया है। उनकी भी उपासना की जाती है उन्हें मां का दर्जा दिया गया है| माँ नर्मदा की आज पूरा देश जयंती मना रहा है जो नर्मदा जयंती के रूप में विख्यात है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन धरती पर माँ नर्मदा का अवतरण हुआ था। हिंदू धर्म मे नदियों को बहुत ही पूजनीय माना गया है। मां नर्मदा को रेवा नदी के रूप में भी पूजा जाता है।

त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे

अमरकंटक से उद्गम होकर माँ नर्मदा मध्य प्रदेश में बहती है। मान्यता के अनुसार जितना पुण्य पूर्णिमा तिथि को माँ गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान से प्राप्त होता है। उतना ही पुण्य नर्मदा नदी में स्नान करने पर भी मिलता है। मां गंगा की ही तरह मां नर्मदा भी मोक्षदायिनी है।

कैसे मनाई जाती है नर्मदा जयंती

आज पूरा देश नमामि देवी नर्मदे के जयकारों से गूंज रहा है। सभी भक्त मां नर्मदा के पावन जल में स्नान करके अपने जीवन का मोक्ष प्राप्त करते हैं। पूरे देश में मां नर्मदा जयंती का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मां नर्मदा के तटों को दीयो, लाइट्स फूलों से सजाया जाता है।  विभिन्न तरह के आयोजन किए जाते हैं नर्मदा की पूजा अर्चना की जाती है।

नर्मदा जयंती के मौके पर आज प्रदेश में “निर्झरिणी महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही 11 जिलों में मां नर्मदा के किनारे मां की पूजा अर्चना व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

पुराणों में मां नर्मदा की महिमा

स्कंद पुराण के अनुसार नर्मदा प्रलय काल में भी स्थाई रहती है। एवं मत्स्य पुराण के अनुसार नर्मदा मां के दर्शन मात्र से पवित्रता आती है। मां नर्मदा देश की पांच सबसे बड़ीसात पवित्र नदियों में से एक है। गंगा, यमुना, सरस्वती एवं नर्मदा को ऋग्वेद सामवेद यजुर्वेद एवं अथर्ववेद के समान माना जाता है। मां नर्मदा के दोनों तटों पर 60 लाख 60 हजार तीर्थ है। इनके हर कण में भगवान का रूप है मात्र से प्राणी को प्राप्त प्राप्त करता है। मां नर्मदा के जल में स्नान व आचमन करने मात्र से हजारों गुना पुण्य मिलता। व इनके दर्शन से भी पुण्य की प्राप्ति होती हैं।

नर्मदा नदी भारत की प्रमुख नदियों में से एक हैं। इनका वर्णन महाभारत, रामायण आदि अनेक धर्म ग्रंथों में भी मिलता है। धार्मिक ग्रंथों में इस तिथि  को नर्मदा जयंती के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त है। यह पूरी दुनिया की अकेली रहस्यमई नदी है जिनकी महिमा का गान चारों वेद करते हैं।

Exit mobile version