फिर भी

मेरी मां

my mother poetry

तुझे देख देख हैरान मै होती हूं,
तुझे पास ना पाकर परेशान मै होती हूं,
तेरे होने का अहसास होता है मुझे,
जब भी सहमी सी अकेलेपन मै होती हूं.

जैसै हिम्मत बांधने तुम आई हो,
अपने आंचल मे मुझे छुपाने आई हो,
कोई मुसीबत ना छु ले मुझे,
इस तरह मुझे बचाने आई हो.

मूरत श्वेत रंग की जैसै,
कोई छटा निराली सी,
सूरत स्वच्छ मासूम जैसै,
ईश्वर की छाया प्यारी सी.

देख कर जिसे ये दुनिया,
खुश होती बारम्बार है,
इक छवि सबकी मां की,
जिसमे बसीे सृष्टि अपार है.

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