ईक प्यारा सा ख्वाब हो तुम……!
मीठे पानी का घाट हो तुम……!
हीरे जैसी नायाब हो तुम………!
मेरी हर बात का जवाब हो तुम…..!
सबसे कीमती शराब हो तुम……..!
हूर हो जन्नत की या आफ़ताब हो तुम……!
जीवन की सड़क पर सावधानी हटाने वाला घुमाव हो तुम……!
सोचता रहता हु सिर्फ तुमको ऐसा दबाव हो तुम……!
बिन हथियार जो कत्ल कर दे ऐसा शबाब हो तुम……!
रियासत-ए-हुस्न की शाही नवाब हो तुम……!
सच तो यह है कि मेरे दिल के जनाब हो तुम……!
हितेश वर्मा, जयहिन्द