यूपी में सीएम कौन होगा यह अभी तय नहीं हुआ, लेकिन 19 मार्च को शपथग्रहण की बात तय होगी है. वैसे सीएम पद के सबसे प्रबल दावेदार मनोज सिन्हा को माना जा रहा है. सीएम की रेस में और भी कई नाम हैं, मसलन, राजनाथ सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, योगी आदित्यनाथ, मनोज सिन्हा समेत कई नाम शामिल है, जिसमें सबसे आगे मनोज सिन्हा का नाम है. आखिर ऐसा क्या है मनोज सिन्हा में जो उनको प्रबल दावेदार के रुप में देखा जा रहा है.
गाजीपुर से लोकसभा सांसद और मोदी सरकार में संचार और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा की शख्सियत ही कुछ ऐसी है कि वो ना-ना करते रहते हैं और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी जाती है. मोदी ने सरकार में और अमित शाह ने संगठन से जुड़ा जो भी काम मनोज सिन्हा को सौंपा वो उन्होंने पूरी ईमानदारी से किया.
वैसे मनोज सिन्हा को मोदी और अमित शाह दोनों का करीबी माना जाता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके रिश्ते RSS के दौर से ही हैं. मनोज सिन्हा चुप-चाप काम करने में यकीन रखते हैं. विवादों से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है, उनकी छवि बिल्कुल बेदाग है. मनोज सिन्हा तीसरी बार गाजीपुर से लोकसभा के लिए चुने गए. उनकी यूएसपी यही है कि वो हमेशा जमीन से जुड़े रहे हैं। शायद, इसीलिए मोदी सरकार में उनका लगातार प्रमोशन होता रहा.
रेल राज्य मंत्री के तौर पर उनके काम की तारीफ सिर्फ यूपी ही नहीं हिंदुस्तान के कोने-कोने में हुई. लेकिन, वो क्रेडिट लेने की होड़ में कभी शामिल नहीं हुए. मोदी चुपचाप उनकी प्रोग्रेस रिपोर्ट देखते रहे. लेकिन, जब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ, तो उनका कद बढ़ा दिया गया. मनोज सिन्हा को रेल राज्य मंत्री के साथ संचार मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई.
पार्टी और सरकार में मनोज सिन्हा का कद धीरे-धीरे बढ़ता गया. पूर्वांचल पर उनकी तगड़ी पकड़ का अंदाजा बीजेपी हाईकमान को पहले से था, ऐसे में यूपी विधानसभा चुनाव में कमल के पक्ष में माहौल बनाने की अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी.
विधानसभा चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी की ओर हेलीकॉप्टर दिया गया था, जिससे वो कम से कम समय से ज्य़ादा से ज्यादा लोगों को बीजेपी से जोड़ सकें. पूर्वांचल में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला और भीतर खाने जीत का क्रेडिट में मनोज सिन्हा के खाते में गया.
गाजीपुर के छोटे से गांव से केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद भी मनोज सिन्हा जमीन से जुड़े रहे. बच्चों को आगे बढ़ाने में खास रुचि लेते रहे. प्रधानमंत्री मोदी भी शिक्षा से ही हिदुस्तान को बदलने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं, ऐसे सिन्हा की शख्सियत का ये पहलू उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के और करीब ला देता है. शायद यही सब खूबी है जो मनोज सिन्हा को प्रबल दावेदार में लाकर खड़ा कर रही है.