फिर भी

नारी : खामोशियों में छुपी मेरी चीख तो सुनो

en nari ke maan ki aawaj

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ से यह याचना कर रही है कि वह नारी शक्ति को पहचाने और नारी शक्ति को मान दे, अपनी कविताओं के ज़रिये उन्होंने बहुत सारे प्रश्न उठाये हैं जैसे कि नारी का क्रोध देखकर ये दुनियाँ उसके प्रति गलत धारणा बना लेती है बल्कि कोई उस गुस्से का कारण नहीं जानना चाहता, नारी के शरीर में हार्मोनल डिस्बैलेंस सबसे ज़्यादा होता है, उसे शारीरिक कष्ट पुरुष से ज़्यादा होते है वह जननी होती है, एक पल में उसे शादी के बाद पराया कर दिया जाता है, अपने दुख हस्ते हस्ते सह लेती है क्योंकि वह नही चाहती उसका दुख किसीको दिखे।

इतना सब कुछ सह कर भी वह प्रशंसा का पात्र नहीं बनती। ऐसा नहीं है हर नारी एक सी होती है लेकिन जिसने निस्वार्थ आजीवन सब के लिए करा है वह प्रशंसा के योग है लेकिन लोग अपनी गलत सोच के कारण नारी का अपमान कर देते है जैसे सीता माँ का करा था। मेरी सबसे प्रार्थना है सब नारी शक्ति को पहचाने और बिना वजह जाने उसका अपमान न करे।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

खामोशियों में छुपी, उसकी चीख को सुनो
दुनियाँ के व्यंगो को कर परे, तुम अपने साथी को चुनो,
वो साथी जिसने हर कदम पर तुम्हारा साथ निभाया,
इतना सब कुछ, कर भी, जिसने कभी न जताया।

मुस्कुराहट में छुपे, उसके आँसू तो देखो,
उन आँखों को कर नज़रअंदाज़, कही और आँखे न सेको,
तुम्हारा मनोरंजन तो कही और से हो जायेगा,
पर उसका तड़पता दिल, किसे अपनी कहाँनी सुनायेगा।

सफलता के पीछे, देखो तो ज़रा उसका बलिदान,
कैसे बनी, संघर्षो से जूझती, उसकी पहचान।
समेट कर सबको, जिसके दामन में कुछ न आया,
ऐसी बलिदान की मूर्ति पर, कैसे इस दुनियाँ को भी तरस न आया???

गुस्से से भरे उस रूप का, कारण कोई जान नहीं पाया,
उस रूप की छवि को देख, बस गुस्सा सबको आया.
सहने की भी होती है एक क्षमता,
लगाते इलज़ाम सब, कैसे किसी के व्यंगों का तार, उस पर नही थमता।

राह दिखाते उसे सब, पर उनकी कोई नहीं सुनता,
अपनी गलत सोच के कारण, अपनी सोच उसके खिलाफ है बुनता।
प्यार की देवी को प्यार से समझाओ,
उसे कर परेशान, तुम अपना जीवन, दुखो से मत उलझाओ।

हर इंसान में ईश्वर का तत्व होता हैं,
क्यों पहले कर किसी को दुखी, तू बाद में रोता है।
ख्वाहिश कर सही ज्ञान को समझने की,
ज़रूरत नहीं पड़ेगी किसी को फिर नारी शक्ति से उलझ ने की।

विशेष:- ये पोस्ट इंटर्न प्रेरणा महरोत्रा गुप्ता ने शेयर की है जिन्होंने Phirbhi.in पर “फिरभी लिख लो प्रतियोगिता” में हिस्सा लिया है, अगर आपके पास भी है कोई स्टोरी तो इस मेल आईडी पर भेजे: phirbhistory@gmail.com.

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