राजगढ़ (सादुलपुर) तहसील के ताम्बाखेड़ी गांव में 5 नवम्बर 2009 के आॅनर किलिंग मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने 13 मार्च को उस दंपति को आजीवन कारावास व जुर्माने की सजा सुनाई है, जिन्होंने अपनी पुत्री की हत्या कर दी थी।
प्रकरण के अनुसार सिद्धमुख पुलिस थाना में आॅनर किलिंग के मामले में 5 नवम्बर 2009 को केस दर्ज हुआ था। ताम्बाखेड़ी की पुजा पुत्री रामानन्द जाति छिम्पी का प्रेम प्रसंग था, बारहवीं कक्षा की छात्रा हरियाणा के रेवासा गांव के परमवीर छिम्पी से प्रेम करती थी। घटना के वक्त पूजा सिद्धमुख गांव में स्कूल से निकलकर अपने प्रेमी के साथ मोटरसाईकिल पर रवाना हुई।
जब वे भीमसाणा गांव से गुजर रहे थे, तो कुछ लोगों ने उनको देख लिया। जिन्होंने दोनों को पकड़कर ताम्बाखेड़ी लाकर उसके पिता माता रामानन्द व राजबाला के सुपूर्द कर दिया। पुजा व परमवीर को एक साथ देखकर आक्रोशित मां-बाप ने मिल कर गला दबाकर पुजा की हत्या कर दी।
हत्या को आत्महत्या का रूप देने के लिए पुजा के शव पर केरोसिन तेल डालकर जला दिया। बाद में सिद्धमुख थाने जाकर पुजा के द्वारा प्रेमी के साथ भागने व पकड़े जाने पर शर्मसार होकर स्वयं जलकर आत्म हत्या करने की मर्ग रिपोर्ट दर्ज करवा दी।
घटना स्थल पर पहुंची सिद्धमुख पुलिस ने मौके की स्थितियों का देखकर पूछताछ की, तो सच छिप नहीं सका। पुलिस ने पुजा के माता-पिता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच में उन्हें दोषी मानते हुए मामले का चालान न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया।
एडीजे राजेशकुमार प्रथम ने परिस्थतिजनक साक्ष्यों, गवाहों के बयान व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर मृतका के माता पिता को दोषी करार देते हुए दोनों को धारा 302 व 201 के तहत आजीवन कारावास व दस हजार रूपये की जुर्माना राशी से दण्डित किया है।
[स्रोत- विनोद रुलानिया]