जो नहीं है हिन्दी का ज्ञाता
वो कैसे बन सकता है….?
भारत का भाग्य विधाता.
जिसको है हिन्दी का ज्ञान,
फिर चाहे वो कोई भी हो
पर हो अच्छा इन्सान,
वहीं बढ़ाऐगा विश्व में
भारत की शान…!
इसलिय आवश्यक है हिन्दी का ज्ञान
तब ही कर सकोगे हिन्दुस्तानी होने का मान,
क्योंकि हिन्दी है हम, हिन्दू है हम
प्राणों से भी प्यारा “हिन्दुस्तान”.
हितेश वर्मा, जयहिन्द
विशेष:- ये पोस्ट इंटर्न हितेश वर्मा ने शेयर की है जिन्होंने Phirbhi.in पर “फिरभी लिख लो प्रतियोगिता” में हिस्सा लिया है, अगर आपके पास भी है कोई स्टोरी तो इस मेल आईडी पर भेजे: phirbhistory@gmail.com.
Yes, Hindi is our mother language
Hindi maregi nahi,
Hum badaayenge iski shaan.
Phool toh bahut hain,
Par gulaab jaisa nahi.
Bhaashaaye toh bahut hain,
Par Hindi jaisi Nahi.
Hindi bhaashaa amar rahe.
Jai Hind.