भिलाई : भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मियों ने बताया, कि विगत दो सालों से कई-कई दिनों तक आरसीएल के यूआरएम में ठेका कर्मियों से पुल्पीट चलवाया जा रहा है । आरसीएल के कर्मियों ने सुरक्षा के मद्देनजर इस पर कई बार विरोध जताया, लेकिन प्रबंधन के द्वारा इस पर कोई कारवाही नहीं की जा रही थी ।
आज जब पूरी शिफ्ट में ठेका कर्मियों को पुल्पीट में लगाया गया तब कर्मियों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने इसका विरोध करते हुए श्रमिक संगठन सीटू के पदाधिकारियों को इस मामले में सूचना दी और बुलाया गया । कर्मियों ने बताया कि आरसीएल के कर्मियों के द्वारा रेल को इंस्पेक्शन करते समय कई बार रेल को आगे–पीछे करना पड़ता है, जिसे पुल्पिट से आपरेट किया जाता है ।
इसमें बीएसपी के नियमित कर्मचारी काम करते हैं लेकिन, प्रबंधन द्वारा ठेका कर्मियों से पुल्पीट आपरेट करवाया जा रहा है । इससे इस्पेक्शन करने वाले कर्मियों के साथ दुर्घटना का भय बना रहता है । पहले भी एक कर्मी की ऊँगली ऐसे ही मामले में कट चुकी है । ज्ञात हो कि सीटू ने इस मामले को उठाते हुए विगत नवंबर माह में महाप्रबंधक (क्वालिटी) से इस पर रोक लगाने के लिए पत्र दे दिया था ।
जिस पर उन्होंने रेल मिल आपरेशन से बात करने का आश्वासन दिया था । जिस पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई, वहीं फिर से वही कार्य दोहराया गया । आज जब कर्मियों ने आक्रोश जताया, तब मिल आपरेशन प्रबंधन ने तुरंत सीटू पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की जिसमें आरसीएल के कर्मी भी शामिल थे ।
कर्मियों ने बताया कि इस तरह की कार्यप्रणाली एकदम असुरक्षित है । कर्मियों ने कहा कि प्रबन्धन ने ऐसे कर्मियों को सुरक्षा की कमेटी में रखा है जो उनकी असुरक्षित कार्यप्रणाली को प्रबंधन के सामने नहीं उठाते है इसलिए सीटू पर विशवास जताते हुए उन्होंने सीटू पदाधिकारियों को इस मामले में बुलाया ।
पहले भी हो चुकी है दुर्घटनाएं –
ठेका कर्मियों से इस तरह कार्य कराने से कई बार रेल रिजेक्ट हो जाती है इससे रेल मिल के उत्पादन में भी कई बार कमी आई है । ज्ञात हो कि 19 फरवरी 2017 की रात्री 2 बजे में यूआरएम विसुआल इंस्पेक्शन टेबल की खीड़की को तोड़ कर टेबल से बाहर चाला गया था, जिसमें दो कर्मी और एक
अधिकारी की जान बाल बाल बची थी ।
कर्मियों ने आगे बताया है कि उन्हें नाश्ता करने, वाशरूम जाने एवं रात में भी रिलीव नहीं दिया जाता है । और इस तरह का एक व्हाट एप मैसेज प्रबंधन द्वारा पूरे आरसीएल कर्मियों को दिया गया है कि उन्हें कोई रिलीव नहीं दिया जायेगा । वहीं प्रबंधन ने इसे मैन पावर की कमी को इसका कारण बताया ।
सीटू ने कहा कि पावर की कमी को किसी भी तरह इसे पूरा किया जाए क्योंकि सुरक्षा की कीमत पर कोई कार्य नहीं किया जाएगा ।
सीटू ने देखा है, कि एक इंस्पेक्शन-बे से दुसरे में जाने के लिए रेल के उपर से जाना पड़ता है जो एकदम असुरक्षित है और कर्मी कभी भी पार करते समय गिर सकता है । इसलिए मांग की गई कि, तुरंत उसके ऊपर प्लेटफार्म बनाया जाय । कर्मियों ने कैंटीन, पीने के पानी एवं टायलेट की समस्या को भी उठाया प्रबंधन ने इस पर कार्य करने का आश्वासन दिया की ।
जब कर्मियों ने महाप्रबंधक (सुरक्षा) के सामने इन मामलों को उठाया था तब उन्होंने कहा था कि, कोई भी असुरक्षित कार्य किसी के दबाव में नहीं करना है और कार्य को तुरंत रोक देना है । इस बैठक में उपाध्यक्ष रुखम सिंह तारम, वेणुगोपाल, सहायक महासचिव सविता कुमारी, संगठन सचिव रविशंकर, कुंज बिहारी, महावीर, के सूरज, केडी निर्मलकर एवं प्रबंधन की ओर से केवी शंकर, के जी मुरलीधरन, डी के साहू, विशाल गुप्ता, एमव्हीके रामप्रसाद, एच के पाठक, डी पी सत्पथी, अंजलि पटेल एम के साहू उपस्थित थे ।
[स्रोत- घनश्याम जी.बैरागी]