सोशल मीडिया पर कभी-कभी आपकी जरा सी लापरवाही आपके लिए मुसीबत का कारण बन सकती है अगर मामला ज्यादा सेंसिटिव हो तो उस में दखलअंदाजी करना आपके लिए बहुत ज्यादा हानिकारक हो सकता है और ऐसा ही कुछ बरेली डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह के साथ हुआ. राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कासगंज हिंसा पर हिंदूवादी संगठनों और बीजेपी सरकार खिलाफ टिप्पणी करना भारी बड़ा.
हालांकि राघवेंद्र विक्रम सिंह इस पोस्ट को अपने फेसबुक वॉल से डिलीट कर चुके हैं और इस मामले में सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय को ठेस पहुंचाना मेरा जरा सा भी मकसद नहीं था मेरा मतलब सिर्फ इतना था कि ऐसी गतिविधियों से हमारे देश का प्रगति कार्य रुक जाता है और आम जनता सहित प्रत्येक व्यक्ति को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
क्या लिखा था राघवेंद्र विक्रम सिंह ने
राघवेंद्र विक्रम सिंह ने कासगंज हिंसा मामले में टिप्पणी करते हुए लिखा था कि “अजब रिवाज बन गया है. मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ. क्यों भाई वे पाकिस्तानी हैं क्या? यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था. फिर पथराव हुआ. मुकदमे लिखे गए.”
मामला ज्यादा गर्मा गया है और अब राघवेंद्र विक्रम सिंह को इस मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ही सफाई देनी होगी अगर बात करें कासगंज की तो अभी भी हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और दूसरी ओर मृतक चंदन गुप्ता के परिवार वाले तथा अन्य लोग चंदन गुप्ता को एक शहीद का दर्जा दिलाने की जिद पर अड़े हुए हैं.