फिर भी

अपने दम पर कारोबार खड़ा करना आसान नहीं।

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को बिज़नेस-मेन की परिस्थिति समझाने की कोशिश कर रही है। वह कहती है कि अपना खुदका कोई भी कारोबार शुरू करना आसान नहीं होता। बहुत से लोगो को अपने बॉस से ये अक्सर शिकायत रहती है की वह तनख्वा कम बढ़ाते है या ज़्यादा खुद लेते है। मैं समझती हूँ इस दुनियाँ में कोई बेचारा नहीं होता।

अगर किसी को लगता है उसे कम मिलता है तो बेशक वो अपनी कंपनी बदले लेकिन कभी अपने मालिक के लिए गलत न बोले क्योंकि जो इंसान अपने दम पर कुछ शुरू करता है उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जो केवल वही समझ सकता है और कोई नहीं। उदाहरण के तौर पर हम अम्बानी ग्रुप को ले सकते है वह चाहे तो अपना बिज़नेस इतना न बढ़ाये लेकिन क्योंकि एक कंपनी से बहुत से लोगो का घर चलता है इसलिए लोग अपना बिज़नेस बढ़ाते है।

अगर किसी ने इतनी मेहनत करी है तो उसे पूरा हक़ है अपने हिसाब से पैसे खर्च करने का। किसी और के नोट देख कर जलने से अच्छा है आप उसकी मेहनत को देखे और उसी की तरह मेहनत करे। एक कारोबार खड़ा करने में इंसान की पूरी ज़िन्दगी निकल जाती है। ऐसे महान इंसान से जलो मत बल्कि उनसे प्रेरणा लो। कोई इंसान ही भगवान बनकर हमे सही राह दिखाने आता है हमारा हाथ थामता है क्योंकि मूर्तियाँ कभी बोलती है।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

जुनून था मुझमे कुछ कर दखाने का,
खुदकी ही नहीं, दूसरों की ज़िन्दगी में भी उम्मीद के दिये जलाने का,
चल पड़ा जब अपनी मंज़िल पाने,
दूसरे भी लगने लगे ,न जाने क्यों , उस वक़्त मुझे बेगाने।
मंज़िल के शिखर पर फिर मैं अकेला ही जा रहा था।
उस वक़्त मुझे अपनों का साथ याद आ रहा था।
चले थे जो साथ में, आज रह गया मैं अकेला।
मेरी किस्मत ने, मुझे अकेले, मेरे लक्ष्य के शिखर पर धकेला।
शायद इसलिए, पहले खुद कुछ पाकर, दूसरों की उम्मीद भी जगाऊँगा।
अपने लक्ष्य के दम पे मैं लाखों लोगों को व्यवसाय दिलाऊगा।
मुझे क्यों पड़ी है इतनी मेहनत करने की।
अकेला ही कमा लूंगा, मुझे नहीं ज़रूरत किसी से डरने की।
फिर सोचा, ये काम जो बड़ा,
तो लाखो का पेट अपने दम पर भर जायेगा।
मेरी इस मेहनत का झण्डा सदियों तक लहरायेगा।
जो मानी हार मैंने,मेरा तो कुछ नहीं जायेगा।
बहुत से लोगो का ,अपने मालिक पर से, भरोसा उठ जायेगा।
थोड़ा कमाके मेरे बच्चों का, पेट तो भर जायेगा।
मेरे द्वारा व्यवसाय जो न बड़ा, मेरे कर्म चरियो का बच्चा, तो भूखा ही सोजायेगा।
कोई तो सही दिशा में पहले कदम बढ़ायेगा।
सबके खातिर कोई तो अपना खून जलायेगा।
किसी दूसरे की मेहनत का, कभी कोई नहीं खायेगा।
अपने दम पर जीने वाला हर मानव वीर कहलायेगा।

धन्यवाद

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