फिर भी

अजीब है पर जरूरी है, पढ़े सिद्धमुख के किसानों की खबर

आज के समय किसानों के हित की बात तो बहुत की जाती है। पर उन बातों को धरातल पर बहुत कम लाया जाता है और ना ही उन किसानों की समस्यओ को इतनी जल्दी अमल में लाया जाता है। पर ये किसान हमेशा अपने कार्य के प्रति समर्पित होते है। अपनी जिम्मेदारियों को बहुत अच्छे से निर्वहन करते है।Farmer is tha backbone of INDIAजहां आज के समय में सब अपने स्वार्थवश अपनी जिम्मेदारी से जी चुराते हुए मिलते है। वही सिद्धमुख के किसानो ने समाज के सामने एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत कर दिया। चूरू की सर्दी का सबको पता है, कितनी होती है। पर इस सर्दी में जब बात सिद्धमुख नहर में कचरे से पानी आने में परेशानी हुई तो किसानों ने इस सर्दी को भुलाते हुए, नहर सफाई को अपना नैतिक कर्तव्य मानते हुए, इसकी सफाई में लग गए।

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एक खबर के मुताबिक नहर का पानी चल रहा था, पर सिद्धमुख से पहले जो पुल आता है। उसमे कचरा और एक मृत नीलगाय फंसी होने के कारण पानी के आगे आने में समस्या आ रही। इस बात की सुचना मिलते ही, भानगढ़ से महावीर और खेमचन्द नाम के दो किसान आगे आये और गाँव के किसानों के साथ मिलकर उस कचरे और नीलगाय को बाहर निकल दिया।

वही राजपुरिया के किसान खुद के खर्च पर गाड़ी लेकर पुल को चेक कर रहे है। कि कही कचरे की वजह से पानी बाधित ने हो। किसानों ने इस प्रकार किसी को दोष न देते हुए और प्रशासन से बिना किसी आस के अपने कर्तव्य को निभाया। जिसे देखकर लगता है कि वास्तव में अपने समाज की रीढ़ की हड्डी किसान ही है।

[स्रोत- विनोद रुलानिया]

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