इंटरनेट और लोगों का रिश्ता बहुत गहरा बना हुआ है। आज हम लोगो का बिना इंटरनेट के जी पाना बहुत मुश्किल हैं, अकेलेपन को दूर करने का साधन भी इंटरनेट बना है। इंटरनेट की वजह से हम हमारे घर में एक दूसरे से बात तक नही करते। आज कल लोग Facebook, Whatsapp, Youtube और अन्य सोशल मीडिया पर रहते है। उसकी वजह से आदमी आदमी को भूल रहा है।
भारत में, 2017 की शुरुआत में, औसत मोबाइल डाउनलोड गति 7.75 एमबीपीएस थी। इस साल के अंत में, यह 8.80 प्रतिशत तक पहुंच गया है। हालांकि, यह एक अच्छी बात है कि इंटरनेट की गति भारत में बढ़ रही है। लेकिन भारत अभी तक दुनिया की शीर्ष नेट स्पीड सूची में आने के लिये प्रयास करना पड़ेगा।
युवा इंटरनेट से सबसे ज्यादा जुड़ा हुआ वर्ग है। दुनियाभर में 71 प्रतिशत युवा ऑनलाइन हैं, जबकि सामान्य आबादी में इस्तेमाल करने वालों की संख्या 48 फीसद है। इंटरनेट से अफ्रीकी युवा सबसे कम जुड़ा हुआ है। पांच में से करीब तीन युवा ऑफलाइन हैं, जबकि यूरोप में 25 में से सिर्फ एक युवा ऑफलाइन है।
इंटरनेट गति परीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत इंटरनेट पर 109 वें स्थान पर है और मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में ब्रॉडबैंड पर 76 वें स्थान पर है। चौंकाने वाला समाचार यह है कि भारत पड़ोसी पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका के पीछे मोबाइल नेट स्पीड के पीछे है। इन तीनों देशों में इंटरनेट की गति भारत की तुलना में बेहतर है।
मोबाइल इंटरनेट की गति के संदर्भ में, भारत 109 वें और ब्रॉडबैंड 76 वें स्थान पर है। हमें भारत में वर्तमान 5 जी के बारे में खबर मिल रही है। कुछ ही सेकंड में मूवी डाउनलोड होने वाली चर्चाएं हैं लेकिन यह खबर सुनने से आपको आश्चर्य हो सकता है कि भारत इंटरनेट की गति के पीछे है।
[स्रोत- बालू राऊत]