22 नवंबर 2017 को बलिया जिले में एक रैली संबोधित करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्य योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा और सम्मान के लिए खुफिया तंत्र की निगाहें चारों तरफ दौड़ी रही. खुफिया तंत्र और पुलिस की निगाह काले सामान पर विशेष रूप से रही, जिस कारण काला जैकेट, काला कोट और काला स्वेटर पहनने वाले लोगों को भी सभा स्थल के अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली. इसलिए योगी आदित्यनाथ के भाषण को सुनने आई एक मुस्लिम महिला ने भी अपनी खुशी से योगी आदित्यनाथ के समर्थन में बुर्का उतार दिया.उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में मंगलवार को सीएम की रैली में पुलिस और खुफिया तंत्र की नजरें हर काले सामान पर दौड़ती रही. जिस कारण पुलिस ने कार्यक्रम स्थल में बैठी एक महिला से उसका बुर्का उतारने के लिए कहा तो महिला ने अपनी खुशी से योगी आदित्यनाथ के समर्थन में अपना बुर्का उतार दिया. इतना ही नहीं जब 1:30 बजे कॉलेजों की छुट्टी हुई तब दर्जनों छात्र मुख्यमंत्री का भाषण सुनने के लिए रैली में पहुंचे मगर उनके पास काला बैग होने के कारण उंहें मैदान से बाहर रोक दिया गया जिस कारण उंहें मैदान के बाहर से ही मुख्यमंत्री का भाषण सुनना पड़ा.
#WATCH: Woman asked by police to remove Burqa during CM Yogi Adityanath's rally in #UttarPradesh's Ballia, yesterday. pic.twitter.com/CgkQWUnXlC
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 22, 2017
कुछ लोगों द्वारा कहा गया कि महिला का बुर्का पुलिस ने जबरन उतरवाया है इस मामले में एसपी अनिल कुमार ने कहा कि मुस्लिम महिला से बुर्का उतरवाने का मामला फिलहाल संज्ञान में नहीं है यदि किसी मुस्लिम महिला का बुर्का पुलिस द्वारा जबरन उतरवाया गया है तो यह गलत है और उस मामले की जांच की होगी.
ना केवल स्कूली छात्र बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी जो केसरिया रंग के ऊपर काले रंग की जैकेट पहनी थी वह भी उनको उतारने पड़ी कई महिलाएं जिनके पास काला दुपट्टा था उन्हें भी कार्यक्रम से वंचित रहना पड़ा. और कार्यक्रम स्थल के बाहर से ही मुख्यमंत्री का भाषण सुनना पड़ा.
यूपी निकाय चुनाव के पहले चरण से 1 दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कमान थामी और लोगों को लुभाने के लिए खुद मैदान में उतरे और लोगों को लुभाया. यूपी शहरी निकाय चुनाव का पहला चरण आज जोरों पर है और यूपी निकाय चुनाव के बाकी दो चरण 26 और 29 नवंबर को समाप्त होने तथा वोटों की गिनती के साथ फैसला भी 1 दिसंबर को सामने आ जाएगा.