फिर भी

मेहनत की अग्नि में

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को मेहनत करने ही प्रेरणा दे रही है। वह कहती है कि मेहनत की राह में दर्द तो बहुत होता है कभी दिल पर चोट लगती है जो बहुत ही कम लोगो को दिखती है तो कभी शारीरिक कष्ट होता है जिसमे साथ सिर्फ अपनों का ही होता है। किसी की पीड़ा को न समझ उपहास उड़ाना बहुत ही आसान है जो आम जनता अक्सर करती है लेकिन किसी का प्रोत्साहन बढ़ाना हर एक के बस की बात नहीं। Successयाद रखना जो व्यक्ति किसी का सपना पूरा करने में उसका साथ देता है उस व्यक्ति के खुद के सारे सपने पूरे होते है।बेशक सपना एक ही जन देखता है लेकिन उसे पूरा करने में बहुत से लोगों का साथ होता है। जब एक साथ सब कुछ बड़ा सही तरीके से पाने की चेष्टा करेंगे तब किस्मत को भी उनके आगे झुकना होगा, क्योंकि ऐसा मुमकिन ही नहीं की सही दिशा में सफलता न मिले।

लक्ष्य को पाने में अपनी सेहत का ख्याल रखना भूल न जाना, वरना क्या पाओगे और फिर कैसे अपनी सफलता की कहानी इस जग को सुनाओगे। अगर किसी को उस कार्य में सफलता नहीं मिली तो उसका मतलब ये नहीं कि आप भी नहीं कर पाओगे,  निरंतर प्रयासों और दृढ निश्चय से आप सफलता पा सकते है।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

मेहनत की अग्नि में, अपना हौसला मत जलाना।
अपनी मेहनत के आड़े, खुदकी सेहत को भूल न जाना।
आराम से भी मिलती है सफलता, लक्ष्य को पाने में धैर्य ही ज़रूरी है।
मैं नहीं कहती, इस बात में तो ईश्वर की भी मंज़ूरी है।

मेहनत की अग्नि में, दूसरों का हौसला भी बढ़ाना।
अपने दर्द के आगोश में, तुम कभी दूसरे को न चढ़ाना।
क्योंकि मेहनत की राह में दर्द तो होता है।
अपने को कर यू बेबस, तू क्यों ऐसे रोता है।

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मेहनत की अग्नि में तेरे घावों पर, जो भी मरहम लगायेगा,
उठाके तुझे फिर से, वो अपनी किस्मत भी जगायेगा।
क्योंकि घावों पर नमक बुरकना आसान है।
समझ के उन घावों की पीड़ा, बनाई ऐसे ने अपनी भी अनोखी पहचान है।

 

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