कहते हैं बेटा मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी होता है मगर दुनिया में कुछ ऐसे वाक्य सामने आते रहते हैं जो इस कथन को सत्य नहीं होने देते हैं हाल ही में राजकोट में एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां एक बेटे ने ही मां को छत से फेंक कर मौत के घाट उतार डाला और सफाई में बताया कि वह खुद छत से गिरकर मर गई है.
जयश्रीबेन को ब्रेन हैमरेज था और वे चल-फिर नहीं पाती थीं. जयश्रीबेन का बेटा संदीप एक प्रोफेसर है जिसने मां के इलाज से तंग आकर उन्हें छत से फेंक दिया. 2 महीने गुजर जाने के बाद संदीप को लगा कि सब कुछ सही हो गया है मगर पुलिस को आई एक गुमनाम चिट्ठी ने संदीप के जीवन में जलजला ला दिया पुलिस ने चिट्ठी के आधार पर सोसाइटी के लगे सीसीटीवी को जब खंगाला तो उसमें कुछ और ही मिला.
सीसीटीवी कैमरे की जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने पाया कि संदीप ही चलने फिरने से लाचार अपनी मां को छत पर लेकर गया और अकेला वहां से वापस आया आरोपी से पूछताछ के दौरान संदीप ने पुलिस को बहकाने की कोशिश की मगर जब पुलिस ने सख्ती से काम लिया तो संदीप ने सब कुछ उगल दिया.
पहले संदीप कह रहा था कि वह मां को सूर्य पूजा के लिए ऊपर लेकर गया था मगर जब पुलिस ने पूछताछ में पूछा की मां 28 फुट ऊंची रेलिंग पर कैसे चढ़े तो उस की बोलती बंद हो गई जब पुलिस ने और ज्यादा शक्ति की तो उसने सब कुछ कबूल लिया और उसने बताया कि वह अपनी मां की बीमारी से परेशान था इसलिए उसने इस काम को अंजाम दे दिया.
अधिक पूछताछ पर पता चला कि संदीप की पत्नी और संदीप की मां में अक्सर झगड़े होते रहते थे पत्नी भी संदीप की मां की बीमारी से काफी परेशान थी और संदीप से तथा संदीप की मां से लड़ती झगड़ती रहती थी.
पुलिस ने पूछा कि मां ने ढाई फुच ऊंची रेलिंग कैसे चढ़ी तो उसकी बोलती बंद हो गई. पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने बात कुबूल कर ली. आरोपी ने कहा कि वो अपनी मां की बीमारी से परेशान था.