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गर्भावस्था में संतुलित आहार न लेना बन सकता है मां और शिशु दोनों के लिए खतरा

Pregnancy

महिलाओं के जीवन में कुछ अवस्था ऐसी भी आती है जिनमें विभिन्न प्रकार का आहार ग्रहण करने की आवश्यकता होती है इसमें गर्भावस्था बहुत ही महत्वपूर्ण अवस्था होती है गर्भवती महिला के भ्रूण में पल रहा शिशु मां के शरीर से ही समस्त पोषक तत्व ग्रहण करता है ऐसी स्थिति में गर्भवती स्त्री को सामान्य से अधिक पोषक तत्व ग्रहण करने की आवश्यकता होती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च का सुझाव है कि गर्भवती स्त्री को सामान्य की तुलना में प्रतिदिन 300 कैलोरी अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है उसी प्रकार प्रोटीन की सामान्य से 10 ग्राम मात्रा अधिक की आवश्यकता होती है एक गर्भवती महिला को कैल्सियम, फोलिक एसिड ,आयरन और प्रोटीन की अधिक मात्रा में आवश्यकता पड़ती है।

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फोलिक एसिड – फोलिक एसिड बच्चे के मस्तिष्क विकास और रीड की हड्डी के विकास में मदद करता है फोलिक एसिड उचित मात्रा में खाद्य पदार्थों से नहीं मिल पाता इसलिए डॉक्टर 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड टेबलेट रोजाना गर्भवती होने से पहले खाने की सलाह देते है।

कैल्शियम – कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है गर्भवती महिला को सामान्य से 500 मिलीग्राम अधिक कैल्शियम युक्त आहार लेने की आवश्यकता होती है महिला के शरीर से कैल्सियम शिशु के शरीर में स्थानांतरित होता है इसीलिए गर्भवती महिला को सही मात्रा में कैल्शियम का सेवन करना चाहिए
19 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र की गर्भवती महिला को 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की आवश्यकता होती है।

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खनिज लवण तथा आयरन- गर्भवती महिला के आहार में खनिज लवण की अतिरिक्त मात्रा का समावेश होना चाहिए गर्भवती महिला के आहार में प्रतिदिन 15 -20 मिलीग्राम लौह खनिज का समावेश होना चाहिए तथा प्रतिदिन 27 मिलीग्राम आयरन का समावेश होना चाहिए गर्भावस्था में आयरन की कमी से एनीमिया ,थकान तथा संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।

विटामिन- गर्भावस्था में थायमीन राइबोफ्लेविन तथा निकोटिन एसिड की अधिक आवश्यकता होती है विटामिन सी की आवश्यकता सामान्य से 50 मिलीग्राम अधिक होती है गर्भ धारण के समय आहार में प्रोटीन के समावेश से गर्भ में पल रहे शिशु का समुचित विकास होता है।

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