सोमवार को गुजरात हाईकोर्ट ने गोधरा कांड मामले में अपना फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने गोधरा कांड के 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. अब देखने वाली बात ये है की गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले से, क्या पीड़ित के परिवार वाले सहमत होते है या नहीं?
फांसी की सजा बदली उम्र कैद में
1 मार्च सन 2011 में SIT की एक विशेष अदालत ने गोधराकांड मामले में 31 लोगों को दोषी करार पाया था जबकि 63 लोगों को बरी किया था. जिनमें से 20 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी जबकि 11 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई थी. किन्तु अब गुजरात हाईकोर्ट ने 9 अक्टूबर 2017 को इन 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है.
#FLASH Godhra train burning case: Gujarat High Court commutes death sentence to 11 convicts into life imprisonment. pic.twitter.com/ADNjokTIFm
— ANI (@ANI) October 9, 2017
क्या था पूरा मामला
ये बात 27 फरवरी सन 2002 की है, जिस समय साबरमती एक्सप्रेस अयोध्या से आ रही थी जैसे ही सुबह रेलगाड़ी गोधरा जंक्शन स्टेशन पर आकर रुकी तो साबरमती एक्सप्रेस की S-6 बोगी में आग लगा दी गई बोगी में सवार 59 लोगो की जलकर मौके पर ही मौत हो गई.
इनमें से ज्यादातर कारसेवक थे जो राम मंदिर के आंदोलन के तहत अयोध्या से एक कार्यक्रम करके लौट रहे थे. जैसे ही रेलगाड़ी गोधरा स्टेशन पर पहुंची तो उनकी बोगी में आग लगा दी गई आग लगने से 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे