फिर भी

गुजरात चुनाव से पहले बढ़ायी आशा कार्यकर्ताओ की सैलरी 50 प्रतिशत

23 अक्टूबर 2017 को लखनऊ में पुलिस और आशा कार्यकर्ताओं के बीच जमकर बहस हुई और जिस पर पुलिस अधिकारियों ने आशा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया था. आशा कार्यकर्ताओं की मांग थी कि उनकी सैलरी भी एक कम से कम 18000 हो और उनका स्टेटस भी एक सरकारी कर्मचारी की तरह मान्य हो.Asha Karykarta

अपनी इन मांगों को लेकर अड़ी रही आशा कार्यकर्ताओं के लिए 24 अक्टूबर 2017 का दिन बहुत ही बेहतरीन निकला गुजरात राज्य सरकार ने उनकी इन मांगों को स्वीकार करते हुए आशा कार्यकर्ताओं की सैलरी 50% तक बढ़ा दी है. अब आशा कर्मचारियों को मिल रहे वेतन का 50% बढ़ाकर वेतन दिया जाएगा.

गुजरात चुनाव से पहले आशा कार्यकर्ताओं की सैलरी का बढ़ाना एक चुनावी दांव माना जा रहा है. अभी केवल गुजरात राज्य सरकार द्वारा ही इस आदेश को जारी किया गया है जिसका मतलब सीधा-सीधा यही है कि गुजरात चुनाव को लेकर ही इस प्रकार का फैसला गुजरात राज्य सरकार ने लिया है.

सन 1998 से अब तक गुजरात में बीजेपी की सरकार रही है और इसी जीत को बरकरार रखने के लिए गुजरात राज्य सरकार नए नए हथकंडे अपना रही है इन्हें हथकंडों में से एक आशा कार्यकर्ताओं पर जारी किया गया है. गुजरात में होने वाला चुनाव 18 दिसंबर को है.

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