सरकारी नौकरियों में 30% कमी होगी जिसमें से 2 लाख शिक्षक है जिससे महाराष्ट्र में गरीबों की शिक्षा को सरकार बर्बाद कर रही है. शिक्षा मंत्री ने पहले से ही 13 हजार स्कूलों को बंद करने की योजना बना ली है, जिसमें से 1300 स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है और 12 हजार स्कूल प्रतीक्षा सूची में हैं.
शिक्षा मंत्री का कहना है कि एक भी शिक्षक कि नौकरी नहीं जाएगी पहले चरण में 26,280 बच्चों की शिक्षा बंद हो जाएगी इसके बारे में क्या ? शेष 12 हजार स्कूलों के बंद होने पर, दो लाख बच्चे स्कूल से बाहर होंगे.और स्कूल न जाने वाले ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या 4 लाख से अधिक हैं. जापान की ट्रेन एक छोटी सी बच्ची के लिए सुनसान स्टेशन पर रुकती थी, ताकि एक लड़की को स्कूल से अलग ना हो जाय और महाराष्ट्र शिक्षा मंत्री कहते हैं, 20 से कम बच्चों कि स्कूल क्यों चलाये.
भामरागढ़ के जंगल से कबतक बच्चे सुरंग लगी सड़कों से स्कूल जायेंगे, दूर कोंकण के पहाड़ी गांव में रहने वाले कैसे बच्चीयों स्कुल भेजे क्योंकि 20 से कम बच्चों के विद्यालय की लागत अमीर फडणवीस सरकार के लिए महंगी पड़ रहीं है. अशांत समुद्र से चारौं तरफ घिरे द्वीपपर शिक्षकों को भेजने का खर्च नहीं उठा सकती और सरकार स्थानीय निजी शिक्षा संस्थान को सरकारी अनुदान दे सकती हे. कोपर्डि के मामले में न्याय मिला लेकिन गांववाले कि कई सालों की स्कूलकि माँगपर भी सरकार स्कूल देने के लिए तैयार नहीं है.
13,000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने के बाद, माध्यमिक विद्यालयों को भी बंद किये जाएंगे. सरकार जल्द से जल्द जिला परिषद और निजी सहायता प्राप्त स्कूलों को बंद करने की जल्दी हे क्योंकि वाउचर पर चलने वाले पतंजली के विद्यालय जल्द ही आने वाले हैं, टूथपेस्ट और फेसवॉश की तुलना में स्कूल का धंदा मे फायदा जादा हैं और शिक्षा मंत्री कहते हैं, कपिल पाटिल बिना बात के हल्ला मचा रहे हे.और विधायक कपिल पाटिल कहते हे सरकार ने पढ़ाई बंद करा दी और हम हल्ला भी ना मचाए.
[स्रोत- धनवंत मास्तुद]