फिर भी

जो मिला खूब मिला

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियाँ को हर हाल में खुश रहने की प्रेरणा दे रही है वह कहती है हर इंसान को अपने से नीचे व्यक्ति को देखना चाहिये अपनी तुलना किसी दूसरे से कर जलना नहीं चाहिये। हर इंसान से अंदर कुछ न कुछ खूबी होती है जो उसे दूसरे से अलग बनाती है।

हर हाल में ये सोचो जो मिला अच्छा मिला, क्योंकि सही राह में चलने वालों के जीवन में तकलीफें ज़रूर आती है लेकिन याद रहे, ऐसे मेहनत करने वाले व्यक्ति के आगे उसकी किस्मत को भी झुकना पड़ता है और ईश्वर भी ऐसेही इंसान का साथ देते है जो ईश्वर की ली हुई हर परीक्षा में पास हो। किसी दूसरे के नोट गिनने से तुम्हारी तिजोरी कभी नहीं भरेगी। बीते कल को भूलने में भलाई है,आने वाले कल अच्छा ही होगा अगर आज तुम अच्छा ही करते और सोचते जाओगे। हर इंसान अपनी किस्मत खुद के कर्मो से ही तो बनाता है इसलिए हर परिस्थिति में खुदा का शुक्रिया करो “जो मिला खूब मिला “.

सुख और दुख दोनों ही जीवन के पहलू है अब ये आप पर निर्भर करता है आप अपनी परिस्थिति को कैसे लेते है।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

जो मिला खूब मिला,
किसी बात का गम न कर,
देखे है ऐसे बहुत से,
जिनके पास न तो रुपिया है न तो घर।

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जो मिला खूब मिला,
किसी से ज़्यादा उम्मीद न कर,
अपने प्रभु पर रख भरोसा,
खुला है आज भी तेरे लिए उसका दर।

जो मिला खूब मिला,
खुदकी तुलना किसी दूसरे से न कर,
छोड़ के जाना है यही सब कुछ,
लेके कुछ न जायेगा, यहाँ से,कोई भी नर।

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जो मिला खूब मिला,
बीते कल की परेशानियों को याद न कर,
आयेंगी बहारे तेरी किस्मत में भी,
बीती बातों को याद कर, तू पल-पल न मर।

जो मिला खूब मिला
जो मिला खूब मिला

धन्यवाद, कृप्या आप ये कविता बहुत लोगो तक पहुँचाये जिससे बहुत लोग सही ज्ञान तक पहुँचे। हमारी सोच ही सब कुछ है हम जैसा सोचते है वैसे ही बन जाते है।

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