प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियां को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि इंसान का पूरा जीवन निकल जाता है फिर भी वो ये बात समझ नहीं पाता की जीवन में चाहे कोई भी आपका साथ छोड़ दे लेकिन ईश्वर आपका साथ आपकी अंतिम सांस तक देते है क्योंकि वो हमसे कही बाहर नहीं वो हम सब के अंदर ही रहते है फिर भी इंसान अपने दुखो में ईश्वर को कोसता है।
अब आप इस कविता का आनंद ले।
ईश्वर एक एहसास है,
जो हर पल हमसे कुछ कहता है.
तुमको भूल जो सिर्फ अपने में ही नहीं रहता है.
सुनलो उसकी वो तुमसे कही दूर नहीं,
तुम्हारे अंदर ही कही रहता है.
तुम्हे उसको कोसता देख,
वो चुप चाप तुम्हारी सारी पीड़ा सहता है.
अपने हक़ में फिर भी क्या वो कभी किसीसे कुछ कहता है?
उसने कभी हमे कुछ गलत ना सिखाया.
इस चंचल मन के रहते,
इंसान ही उनकी बातो को कभी समझ ना पाया.
धन्यवाद