ख़ुशी में तो कोई भी मुस्कुरा देता है

प्रस्तुत पंक्तियों में कवियत्री दुनियां को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि ख़ुशी में तो सब ही मुस्कुरा लेते है लेकिन गम में हर कोई मुस्कुरा नहीं पाता और अगर कोई चुप है कुछ कहता नहीं तो इसका मतलब ये नहीं की उसे बुरा नहीं लगता उसका दिल नहीं।
ख़ुशी में तो कोई भी मुस्कुरा देता है
याद रखना दोस्तों अगर आप जीवन में कुछ बहुत बड़ा करने जा रहे हो तो पहले आपको कोई नहीं समझेगा फिर धीरे-धीरे जब लोगो को आपकी बातें समझमे आने लगेंगी फिर वही लोग अपनी गलती का एहसास कर आपकी बातें एक दिन सुनेंगे भी और अपनायेंगे भी। वक़्त तो वो ही है  सफल लोग बस वक़्त को कभी बर्बाद नहीं करते है क्योंकि जो वक़्त बर्बाद करता है वक़्त उसे बर्बाद कर देता है। एक और बात जो कवियत्री इस कविता के ज़रिये रखना चाहती है की वीरो को कभी भी पैसो से खरीदने की कोशिश मत करना।

अब आप इस कविता का आनंद ले।

ख़ुशी में तो कोई भी मुस्कुरा देता है।
मगर गम में भी खुश रहने की कला,
केवल वीर ही जानते है।
अपने को ही बस काबिल, वो कभी नहीं मानते है।
अपने दुखो की गहराई, तो वो बस अनुभव कर ही जानते है।
शायद इसलिए की वो सबके दुखो को करीबी से समझ पाते है।
अपने लक्ष्य के रास्ते में वो ना जाने,
जीवन की कितनी ठोकरे वो खाते है।
समझ जाती जब ये दुनियाँ उन्हें,
तो वो भी मन ही मन मुस्कुराते है।
ना जीत पाता कोई पैसो से उन्हें,
अपने लक्ष्य का रास्ता वो अपने दम पर ही बनाते है।
ख़ुशी मिलती जिन्हे दूसरों को खुश करके,
कहाँ जायेगा वो मानव, जिन्हे मज़ा आता,
उन वीरो को दुखी करके।

धन्यवाद

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