पुराने जमाने में इस बात अक्सर जिक्र किया जाता रहा है कि नारी भोग नहीं भोग्य वस्तु है, जिसका परिणाम आजकल के बड़े बड़े मंत्रीयों के जरीए महिलाओं पर हो रही अभद्र टिपण्णीयों के जरीए पता चल जाता है। हाल ही में यह उदाहरण मुबंई राज्य के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन ने एक चीनी के कारखाने में आयोजित कार्यक्रम में दी। जहां उन्हे मंत्री एक चीनी कारखाने में सीजन की पहली गन्ना पिराई के कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए बुलाया गया था।
अपने भाषण के दौरान सासंद गिरिश महाजन ने यह कहकर सबको चौका दिया कि ‘शराब के ब्रैंड को महिलाओं का नाम दो, तो तुम्हारी शराब खूब बिकेगी’। बता दे कि यह ब्यान मंत्री ने एक चीनी के कारखाने में आयोजित कार्यक्रम में दी। जिसके बाद जाहिर है लाजमी तौर पर सासंद के खिलाफ प्रदेशभर में महिला संगठनों और शराबबंदी के लिए काम करने वाले संगठनों ने तीव्र आक्रोश व्यक्त किया जाने लगा।
उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र के एकमात्र शराबबंदी लागू करने वाले जिले चंद्रपुर में शराबबंदी आंदोलन की कार्यकर्ता ऐडवोकेट पारोमिता गोस्वामी ने चंद्रपुर पुलिस थाने में महाजन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मंत्री के इस बयान को महिलाओं के लिए अपमानजनक बताया है। साथ ही यह भी कहा कि अगर देश का सम्मानित वर्ग ही इस कदर की नासमझी वाली बातों को कहेगा तो समाज के बाकि तबके के लोग किस तरह से अपने विचारो को महिलाओं के प्रति खोलेंगे।
वही, दूसरी तरफ महाराष्ट्र के नासिक और सोलापुर में एनसीपी की महिला कार्यकर्ताओं ने मंत्री महाजन के खिलाफ विरोध दिखते हुए, सासंद की फोटो को जूतों से पीटकर अपना आक्रोश व्यक्त किया।