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घाटकोपर विधायक राम कदम ने पद्मावती मूवी का किया विरोध

रानी पद्मिनी, चित्तौड़ की रानी थी। पद्मिनी को पद्मावती के नाम से भी जाना जाता है, वह 13 वीं -14 वीं सदी की महान सिंहल द्वीप के राजा गंधर्व सेन और रानी चंपावती की बेटी थी जो चित्तौड़ का के राजा रतनसिंह के साथ ब्याही गई थी। रानी पद्मिनी बहुत खूबसूरत थी और उनकी खूबसूरती पर एक दिन दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की बुरी नजर पड़ गई। अलाउद्दीन किसी भी कीमत पर रानी पद्मिनी को हासिल करना चाहता था, इसलिए उसने चित्तौड़ पर हमला कर दिया। रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जान दे दी.Ram Kadamफिल्म पद्मावती को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। देश के कई हिस्सों में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच सेंसर बोर्ड ने शुक्रवार को तकनीकी कारणों से फिल्म निर्माताओं को लौटा दी है। इससे फिल्म के एक दिसंबर को रिलीज होने पर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।

ऎसा विधायक राम कदम ने कहा ‘यदि आप किसी विशेष समुदाय के दृश्यों को नहीं हटाते हैं, तो आप भंसाली की किसी भी फिल्म को शूट नहीं कर पाएंगे।’ वर्तमान में पद्मवती फिल्म को समाप्त करने का कोई संकेत नहीं है मगर भाजपा के विधायक राम कदम ने भी इस फिल्म के खिलाफ आवाज उठाई है।

उन्होंने फिल्म स्टूडियो एलाइड मजदूर यूनियन की भूमिका की व्याख्या की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अगर फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने फिल्म में कोई बदलाव नहीं किया तो वह अपनी किसी भी फिल्म को शूट नहीं कर पाएंगे

“किसी भी निर्माता या निर्देशक के लिए इस तरह से उनकी लोकप्रियता का औचित्य साबित करने और लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाना संभव नहीं है। यदि संजय लीला भंसाली ने पद्मावती में लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचाई और अपनी दृष्टि बदल नहीं ली, तो हमारी संघ संजय लीला भंसाली की फिल्मों में से एक को भी शूट नहीं करने देंगे।

[स्रोत- बालू राऊत]

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