आजकल सरकार के हर कामों के लिए जाति प्रमाणपत्र होना ज़रूरी होता हे जैसे यह स्कूल कॉलेज ऑफिस में समाज के निचले तपके को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिये भारत के युगपुरुष बाबासाहेब आंबेडकरजी ने समाज के विषमतापर अभ्यास कर उसे मिटाने के लिये कुछ जातियों को आरक्षण का अधिकार दिया जिससे समाज कि विषमता मिट्कर भारत एक मिसाल कायम करे पर समाज के कुछ लोंग इसका गलत फायदा ना ले इसलिये सरकारने जाति प्रमाणपत्र वैधता का कानून बनाया था.
इसके लिये सामाजिक न्याय विभाग ने एक अधिसूचना जारी कर जाति वैधता प्रमाण पत्र एक माह के भीतर प्रदान करना अनिवार्य होगा और इसके अलावा, पिता या पिता के रक्त सम्बंधित रिश्तेदारों के जाति वैधता प्रमाणपत्र को एकमात्र प्रमाण स्वीकार जाएगा और इसके तहत बच्चों को भी वैधता प्रमाण पत्र देने कानूनन नियम बनाया जायेगा.
महाराष्ट्र सरकार का यह निर्णय जाति वैधता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए सरकारी कार्यालयों की परेशानियों से बचने में मदद करेगा यह नियम रक्त के संबंध में किसी एक व्यक्ति के वैधता प्रमाणपत्र से प्राप्त होगा, जाति सत्यापन प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया आसान है. साथ ही, राज्य सरकार ने नागरिकों की इन परेशानियों पर यह महत्वपूर्ण फैसला किया है.
जाति प्रमाणपत्र की मान्यता से दूसरे रिश्तेदारों को जाति वैधता के लिए नए सबूत प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है. यदि आवेदक कागजों की पूर्ति में कोई आपत्ति है, तो प्रमाणपत्र अधिकारी को 60 दिनों में सत्यापित करना बंधनकारक होगा.
[स्रोत- धनवंत मस्तुद]