फिर भी

जी.एस.टी. काउंसिल ने 1 फरवरी से ई-वे बिल लागू करने को मंजूरी दी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी चुनाव जीत के बाद उन्होने दो बड़े निर्णय लिये है। एक नोटबंदी और जीएसटी भारत में आज तक टैक्स का जो एफेक्ट था वह टैक्स के ऊपर टैक्स था उसे अँग्रेजी में Cascading Effect कहते है। लेकिन मोदीजी ने जीएसटी लाकर वन नेशन वन टैक्स लगाया और सभी प्रकार के टैक्स को निकल दिया। उससे एक चीज़ का हमे फायदा मिला। कहा से भी आप माल खरीद सकते है लेकिन अभी भी बूहत सारे लोग आपना व्यापार बिना बिल के करते है। ऊस चीज़ बाहर निकल लेने के लिये उन्होने जी एस टी लाया। सभी चेक पोस्ट कंप्यूटर से लिंक होने के कारण पकड़ने में आसनी होगी। उसी प्रकार हमे E-Way बिल लाकर मोदीजी ने बहुत अच्छा काम किया है।GSTE way बिल से हमे विदाउट बिलिँग माल बेचते है उन्हे पकड़ने मैं हमे मदत मिलेगी और एक सरल साधा व्यापार होगा भ्रष्टाचार खत्म हों जायेगा। जी.एस.टी. काउंसिल ने 1 फरवरी से ई-वे बिल लागू करने को मंजूरी दे दी है। ई-वे बिल ट्रांसपोर्टेशन के आधार पर दो तरह से लागू होगा। एक राज्य से दूसरे राज्य में माल के ट्रांसपोर्टेशन पर 1 फरवरी 2018 से ‘ई-वे बिल’ लगेगा और एक जून 2018 से यह एक ही राज्य के भीतर माल ट्रांसपोर्टेशन पर भी लागू होगा। 16 जनवरी से ई-वे बिल सिस्टम का ट्रायल रन शुरू होगा। बता दें कि जी.एस.टी. काउंसिल की 24वीं बैठक वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई।

बता दें कि 50,000 रुपये से ऊपर के बिल पर ई-वे बिल लागू होगा। ई-वे बिल यानि इलेक्ट्रॉनिक बिल जो सभी तरह के मालढुलाई पर लागू होगा और इसकी वैधता दूरी के हिसाब से तय होगी। ई-वे बिल में माल पर लगने वाले जीएसटी की पूरी जानकारी होगी। ई-वे बिल से पता लगेगा की सामान का जीएसटी चुकाया है या नहीं। ई-वे बिल लागू होने से यह फायदा होगा कि टैक्स वसूली में भारी गिरावट रुकेगी और टैक्स चोरी के मामलों पर लगाम लगेगी। साथ ही ई-वे बिल के जरिए एक राज्य से दूसरे राज्य में मालढुलाई में दिक्कतें कम होंगी-

 दूरी                                                                   वैधता अवधि
100 किमी से भी कम                                                 1 दिन
100 किमी या अधिक लेकिन 300 किमी से कम                    3 दिन
300 किमी या अधिक लेकिन 500 किमी से कम                    5 दिन
500 किमी या अधिक लेकिन 1000 किमी से कम                 10 दिन
1000 किमी या अधिक                                              15 दिन

इन प्रोडक्ट्स को रखा हैं ई-वे बिल से बाहर

ई-वे बिल से कॉन्ट्रासेप्टिव, ज्युडिशियल और नॉन ज्युडिशियल स्टैंप पेपर, न्यूजपेपर, ज्वैलरी, खादी, रॉ सिल्क, इंडियन फ्लैग, ह्युमन हेयर, काजल, दिये, चेक, म्युनसिपल वेस्ट, पूजा सामग्री, एलपीजी, किरोसिन, हीटिंग एड्स और करेंसी को ई-वे बिल से बाहर रखा गया है.

[स्रोत- बालू राऊत]

Exit mobile version