फिर भी

अगले साल से उर्दू में भी होगी नीट परीक्षा

From next year will in Urdu also neet examination

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह शैक्षणिक सत्र 2018-19 से चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) का आयोजन उर्दू भाषा में भी कराए. फिलहाल इसका आयोजन दस भाषाओं में है. हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी, उड़िया, बंगाली, असमी, तेलुगू, तमिल और कन्नड़ में कराया जाता है.

याचिकाकर्ता स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसआइओ) ने केंद्र सरकार पर सांप्रदायिकता का आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत से मांग की है कि इसी साल सात मई को होने वाले “नीट” में उर्दू भाषा को शामिल किया जाए. इस पर जस्टिस दीपक मिश्र, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस एमएम शांतनागोदार की पीठ ने कहा कि सरकार के लिए उर्दू को इसी साल से शामिल करना संभव नहीं होगा. पीठ ने कहा है की इसमें कई सारी मुश्किलें हैं.

कृपया समझने की कोशिश कीजिए कि हम सरकार से चमत्कार करने के लिए नहीं कह सकते है. परीक्षा सात मई को है और आज 13 अप्रैल 2017 है. इसकी प्रक्रिया काफी लंबी होती है. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने भी कहा कि वे भी 2018 से “नीट” को उर्दू में भी कराने के सुझाव का विरोध नहीं कर रहे हैं.

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